धनबाद(DHANBAD): क्या हो गया है धनबाद को. बच्चों पर अत्याचार के मामले में धनबाद पर बदनुमा दाग लगातार लग रहे है. कहीं बच्ची को बांधकर पीटा जा रहा है, गर्म लोहे के छड़ से दागा जा रहा है, तो कहीं बच्चे की हत्या की जा रही है. मारपीट कर बोरे में भरकर फेंक दिया जा रहा है. बोरे में लपेटकर छोड़ दिया जा रहा है. अत्याचार के ऐसे- ऐसे तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे लगता है कि वक्त के साथ-साथ आदमी बेरहम होता जा रहा है. धनबाद ऐसा था नहीं, लेकिन बच्चों पर लगातार अत्याचार हो रहे है. एक दिन पहले 4 वर्षीय बच्ची धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 7 पर मिली. रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को बरामद किया. कंबल में लपेटकर बच्ची को कोई छोड़ गया था.
बच्ची फिजिकल और मेंटली चैलेंज्ड कैटेगरी की बताई गई है. सीडब्लूसी ने फिलहाल बच्ची को विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र में रखा है. उसकी डॉक्टरी जांच करने के भी आदेश दिए गए है.सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने अपील की है कि कोई भी बच्ची व उसके परिवार के संबंध में सूचना सीडब्लूसी या डीसीपीयू को दे सकते हैं.अभी दो दिन पहले इसी स्टेशन परिसर में बोतल चुननेवाली दस वर्षीय पिंकी कुमारी को चांदमारी में किसी ने रस्सी से बाँधकर पीटा था. गर्म छड़ से दागा था. बच्ची का इलाज एसएनएमएमसीएच में चल रहा है.बच्ची की नानी सुनीता देवी व मामा मंगल पीड़िता से मिले है. पुलिस भी आरोपी के तलाश में छापेमारी कर रही है.बच्ची का मां बाप नहीं है.बच्ची का भाई भी तीन साल पहले रेस्क्यू हुआ था. वह बोकारो में आवासित है.
इसी स्टेशन क्षेत्र में हाथ पैर तोड़कर बोरे में भरकर एक बच्चे को फेंक दिया गया था. सीडब्लूसी की पहल पर उसे रेस्क्यू कर लीगली फ्री घोषित किया गया तो बच्चे को केरल के एक परिवार ने एडॉप्शन में लिया. धनबाद में बच्चों पर अत्याचार की दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आती रहती है. हाल ही के दिनों में एक 12 साल के बच्चे को मार कर बोरे में भरकर उसके घर के पीछे फेंक दिया गया था. घटना का कारण यह था कि बच्चे के परिवार से हत्या करने वाले ने ₹70000 कर्ज लिए थे. वह पैसा लौटा नहीं रहा था. इसी बात पर विवाद हुआ. बात इतनी ही नहीं है, हाल वर्षों में धनबाद के रेलवे स्टेशन के आरक्षण काउंटर के पास लावारिश हालत में एक बच्चे को घायल अवस्था में बरामद किया गया था. उसकी मेडिकल जांच में पाया गया कि उसके उसके सिर के अंदर रक्त के थक्के जमे हुए है. उसके हाथ ,पैर भी टूटे हुए थे.
उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, उसका इलाज हुआ फिर ठीक हुआ. यही से उसकी किस्मत ने पलटी मारी और एक शिक्षित परिवार ने उसे गोद ले लिया. यह तो उसकी किस्मत थी, अन्यथा "राक्षस" ने तो उसे मरा समझ कर ही फेंका था. इधर, 10 साल की बच्ची को अस्पताल में होश आ गया है. दो दिन पहले हावड़ा मोटर के पास से बरामद की गई थी. सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने इस मामले में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत की . मुखर्जी के अलावा ज़िला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी , डीएलएसए के पीएलवी चंदन कुमार भी अस्पताल गये तथा बच्ची से बातचीत की .बच्ची ने बताया पहले वह लोग छाईगदा में रहते थे. उसके माता पिता गुज़र गए हैं. जब सीडब्लूसी ने पुनर्वासित करने के लिए उसे बुलाया तो उसकी नानी सुनीता देवी उसे लेकर चांदमारी चली गई.बच्ची को चांदमारी में ही एतवारी नामक व्यक्ति ने पैसा चोरी का इल्ज़ाम लगाकर रस्सी से बांधकर उसकी पिटाई की और गर्म छड़ से दागा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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