धनबाद (DHANBAD) : अपराध को लेकर धनबाद एक बार फिर सुर्खियों में है. कोयला तस्करी, लोहा तस्करी, पशु तस्करी, फायरिंग, डाका, चोरी के बाद धनबाद के अपराधियों के सोना तस्करी में भी शामिल होने का खुलासा हुआ है. हाल के दिनों में जो खुलासे हुए हैं, उनसे लगता है कि धनबाद के अपराधी या तो बड़े गैंग बना लिए हैं या फिर अन्य जगहों के बड़े-बड़े गैंग में शामिल हो गए हैं. बिहार के गया जंक्शन पर शनिवार को सियालदह नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, सियालदह अमृतसर जालियांवाला बाग एक्सप्रेस से 4.5 किलो सोना बरामद हुआ है. साथ ही 3 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई. इसकी तस्करी में धनबाद और यूपी के तस्कर शामिल बताए गए हैं .
धनबाद के रहने वाले है तस्कर
जब्त सोने की कीमत ढाई लाख से अधिक आंकी गई है. जानकारी के अनुसार पटना डीआरआई की टीम ने आरपीएफ के सहयोग से छापेमारी कर गया जंक्शन पर शनिवार को यह यह सोना बरामद किया. साथ ही 3 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई. इनमें दो तस्कर धनबाद के बताए गए हैं. एक धनबाद शहर का निवासी है जबकि दूसरा झरिया का रहने वाला है. तीसरे के बारे में कहा गया है कि वह यूपी के गाजियाबाद का निवासी है. गिरफ्तार तीनों तस्करों को बरामद सोने के साथ डीआरआई की टीम पटना ले गई. शनिवार की सुबह डीआरआई, पटना और आरपीएफ गया की संयुक्त टीम ने गया जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म पर यह छापेमारी की थी.
साइबर अपराध के मामलों में भी पीछे नहीं है धनबाद
इसके पहले धनबाद के अपराधियों के बाहर लूट कांड, बिजली उपकरण लूट सहित अन्य अपराधों में शामिल होने का खुलासा हो चुका है. साइबर अपराध के मामले में भी धनबाद कहीं पीछे नहीं है. दूसरे प्रदेशों की पुलिस धनबाद लगातार आती रहती है और यहां से आरोपियों को पकड़ कर ले जाती है. यह सब अभी चल ही रहा है कि फिर फायरिंग की घटना ने धनबाद के लोगों को परेशान कर दिया है. शहर के आई एस एम गेट के पास स्थित बिरयानी की दुकान शाही दरबार के बाहर शुक्रवार की देर रात को फायरिंग की गई है. यह घटना देर रात को हुई है. पुलिस फेंका फेंकी कर रही है लेकिन दुकान बंद कर जब मालिक हिसाब मिला रहे थे. तो सड़क की दूसरी ओर से फायरिंग की गई. पुलिस ने मौके से एक खोखा बरामद किया है.
प्रिंस खान ने ली थी फायरिंग की जिम्मेवारी
सोशल मीडिया पर फायरिंग की जिम्मेवारी प्रिंस खान के आदमी मेजर ने ली है. फायरिंग के संबंध में दुकान मालिक भी कुछ नहीं बता रहे हैं. पुलिस भी इस मामले में मौन है. यह दुकान धनबाद के नया बाजार निवासी नवाब चलाते हैं, हालांकि पुलिस इस घटना को संदेहास्पद बता रही है लेकिन यह सोचने वाली बात है कि कोई भी दुकानदार फायरिंग की बात कह कर अपनी दुकान को बदनाम करना क्यों चाहेगा, वह भी अपनी प्रतिष्ठित दुकान को. इस घटना को भी लेकर धनबाद और सराय ढेला थाने में सीमा को लेकर विवाद हो गया था. सवाल उठता है कि घटनास्थल चाहे जिस थाना क्षेत्र में पड़ता हो लेकिन आता तो धनबाद जिला के अंतर्गत ही है. इसके पहले भी बाघमारा में दुकानदार को निशाना बनाकर फायरिंग की गई थी. मटकुरिया में पप्पू मंडल के घर पर फायरिंग की गई. बगुला में जमीन कारोबारी की हत्या कर दी गई. बाघमारा फायरिंग का तो पुलिस ने खुलासा कर लिया है लेकिन बाकी घटनाओं में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं. पुलिस अभी सुराग ढूंढ ही रही थी कि शाही दरबार में फायरिंग की घटना कर दी गई. घटना भी रंगदारी के लिए ही गई होगी. फायरिंग कर लोगों को धमकाना और उन से रंगदारी मांगना धनबाद में बिना किसी व्यवसाय के रईस की जिंदगी जीने वालों के लिए एक फैशन हो गया है. पुलिस एक को पकड़ती है तो दूसरे तैयार बैठे होते हैं. देखना है एक विराम के बाद दूसरे चरण में शुरू हुई अपराध की घटनाओं पर पुलिस कैसे नियंत्रण लगा पाती है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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