धनबाद(DHANBAD): सड़क ही नहीं, रेलवे स्टेशन और ट्रेन भी धनबाद में यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं. घटनाओं पर अगर नजर दौड़ाया जाए तो यह बातें स्वत सिद्ध हो जाती है. छठ के समय मौर्य एक्सप्रेस में एक ही दिन दर्जनभर यात्रियों की पॉकेटमारी हो जाती है. भीड़ -भाड़ का पॉकेटमारों ने भरपूर लाभ उठाया. छठ पूजा के दौरान ही कतरास के कतरी नदी घाट पर दर्जनभर महिलाओं के साथ चेन छिनतई की घटनाएं हुई. हालांकि चेन छीनने के आरोप में 2 महिलाओं को लोगों ने पकड़ भी लिया था, बाद में उन्हें पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया.
शब्दभेदी एक्सप्रेस से एक महिला का पर्स लेकर चोर भाग निकला था
इतना ही नहीं, 21 अक्टूबर की रात धनबाद रेलवे स्टेशन पर शब्दभेदी एक्सप्रेस से एक महिला का पर्स लेकर चोर भाग निकला था. महिला उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी. हालांकि रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए पर्स को बरामद कर लिया था. चोर भी पकड़ में आ गया था. उसके बाद भी पॉकेटमारी की घटनाएं नहीं रुकी. बुधवार को भी धनबाद रेलवे स्टेशन पर पॉकेटमारी की घटना हुई. बिहार के आरा जा रहे एक यात्री का मोबाइल और पर्स उच्चको ने उड़ा ली. लोगों ने दौड़ाकर एक को तो पकड़ लिया लेकिन उसका साथी भागने में सफल रहा. इसके पहले दोपहर में बीच सड़क पर एक ऑटो से जा रही महिला का उचक्का पर्स छीनकर भाग निकला था. पर्स में महिला के जरूरी कागजात भी थे. घटना के बाद वह महिला माथा पीट रही थी. खासकर रेलवे स्टेशनों पर तो उच्चको का संगठित गिरोह काम करता है.
गिरोह के लोग अकेले नहीं, साथियों के साथ घटना करते है
गिरोह के लोग अकेले नहीं बल्कि साथियों के साथ घटना करते हैं. घटना करने के बाद वह लोग अपने दूसरे साथी को समान हैंड ओवर कर देते हैं. वह पहले से ही भागने की फ़िराक में रहता है और सामान मिलते ही रफ्फू चक्कर हो जाता है. परिणाम होता है कि अगर छिनतई करने वाला पकड़ा भी गया तो सामान बरामद नहीं होता. धनबाद रेलवे स्टेशन पर बुधवार को पकड़ाए पॉकेट मार ने भी शायद कुछ ऐसा ही किया था. सामान लेकर उसका साथी निकल भागा, लोगों के सामने वह अपने साथी का नाम भी चिल्ला रहा था और उसे गालियां भी दे रहा था. वास्तव में यह सब उनकी योजना का एक अंग होता है.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद
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