धनबाद(DHANBAD): 31 जुलाई 2023 को मृत्यु तिथि मानते हुए धनबाद नगर निगम ने राजीव रंजन सिंह का डेथ सर्टिफिकेट निर्गत कर दिया है. झरिया के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह के बड़े बेटे राजीव रंजन सिंह अब सरकारी फाइल में भी मृत घोषित कर दिए गए. धनबाद नगर निगम ने कोर्ट के आदेश के बाद राजीव रंजन सिंह का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है.
31 जुलाई 2023 को मृत्यु तिथि मानते हुए डेथ सर्टिफिकेट जारी किया
राजीव रंजन सिंह के छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम के आवेदन पर धनबाद नगर निगम ने 31 जुलाई 2023 को मृत्यु तिथि मानते हुए डेथ सर्टिफिकेट निर्गत किया है. राजीव रंजन सिंह 2003 से ही लापता थे. 3 अक्टूबर 2003 को कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या में राजीव रंजन का नाम आने के बाद वह लापता हो गए थे. जिस समय राजीव रंजन लापता हुए थे, उस समय उनकी मां कुंती देवी झरिया से विधायक थी. उन्होंने विधानसभा में भी इस मामले को उठाया था. कोर्ट ने भी 31 जुलाई 2023 को राजीव रंजन को मृत घोषित कर दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद ही सिंह मेंशन की ओर से धनबाद नगर निगम में डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया गया.उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है.
प्रमोद सिंह हत्याकांड के बाद से लापता थे राजीव रंजन
प्रमोद सिंह हत्याकांड के बाद राजीव रंजन अकेले सिंह मेंशन से निकले, उसके बाद उनका कुछ भी पता नहीं चला. इस संबंध में सराय ढेला थाना में भी मामला दर्ज हुआ था, लेकिन राजीव रंजन का कुछ पता नहीं चला. भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 में प्रावधान है कि यदि 7 वर्षों तक कोई लापता रहता है ,तो उसे कानूनी रूप से मृत घोषित किया जा सकता है. कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की धनसार में उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बनारस से ट्रेन पड़कर वह धनबाद पहुंचे थे और धनबाद से धनसार स्थित अपने जा रहे थे. घर के दरवाजे पर ही उन्हें गोलियों से भून दिया गया था. इस कांड में राजीव रंजन का नाम आया था. नाम आने के बाद वह सिंह मेंशन से निकले लेकिन फिर वापस लौट कर नहीं आए.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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