धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा के बाद क्या सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. आखिर विरोध के स्वर दब क्यों नहीं रहे है. प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष क्या धनबाद की स्थिति से वाकिफ नहीं है. क्या उनकी जिम्मेवारी नहीं बनती है कि स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित कर लिया जाए. आलाकमान को सबकुछ बता दिया जाये. यह सब सवाल हम नहीं बल्कि कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता ही उठा रहे है. नाम कोट करवाने को तो तैयार नहीं हो रहे है लेकिन कह रहे हैं कि बाहरी को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस आलाकमान समर्पित कार्यकर्ताओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया है. आलाकमान विचार करे नहीं तो सीट हाथ से निकल सकती है. कांग्रेस के बड़े नेताओं को धनबाद में आकर मीटिंग करनी चाहिए और सबको भरोसे में लेना चाहिए. बता दें कि कांग्रेस के पुराने नेता ललन चौबे के इस्तीफा के बाद धनबाद संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार अनुपमा सिंह का विरोध के स्वर और तेज होता जा रहा है. अपने-अपने ढंग और अपने-अपने तरीके से कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध कर रहे है.
कोई खुलकर तो कोई दबी जुबान से कर रहा विरोध
कोई खुलकर बोल रहा है तो कोई दबी जुबान से कह रहा है. ललन चौबे के बाद बोकारो कांग्रेस के पदाधिकारी के भी भी इस्तीफा देने की खबर है. अपने समर्थकों के साथ वह भाजपा में शामिल हो गए है. वह भी धनबाद से कांग्रेस उम्मीदवार का विरोध कर रहे है. अनुपमा सिंह को बाहरी बता रहे है. कोई अनुपमा सिंह की जगह स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रहा है तो कोई ओबीसी जाति से उम्मीदवार बनाने की डिमांड कर रहा है. यह अलग बात है कि उम्मीदवार की घोषणा के बाद विरोध के स्वर कम होने चाहिए थे लेकिन यह और तेज होता जा रहा है. पुटकी में भी हाल के दिनों में विरोध किया गया और प्रदेश प्रभारी एवं प्रदेश अध्यक्ष का पुतला दहन किया गया. विरोध करने वालों का कहना है कि वह बेरमो की बहू है. धनबाद से उनका कोई मतलब नहीं है. एक गृहणी को टिकट देकर धनबाद के कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया है. अनुपमा सिंह बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी है और सीधे लोकसभा उम्मीदवार के रूप में उनकी एंट्री हुई है. सूत्र बताते हैं कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र को लेकर प्रदेश भी बहुत इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है. किसी ऑब्जर्वर की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. तो क्या रांची से लेकर धनबाद तक सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
ललन चौबे के इस्तीफे से शुरू हुआ सिलसिला आगे ही बढ़ रहा
ललन चौबे के इस्तीफे से शुरू हुआ सिलसिला आगे ही बढ़ रहा है. टिकट मिलने के बाद भी नाराज कार्यकर्ताओं को भरोसे में लेने की क्या कोई कोशिश नहीं की जा रही है. यह भी सूचना है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य मुख्तार खान के आवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई है. झारखंड में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई है. निर्णय लिया गया कि झारखंड के हर लोकसभा क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट कर केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाया जाएगा कि कम से कम अभी भी वक्त है ,14 में से एक सीट पर मुसलमान उम्मीदवार की घोषणा की जाए. इसे भी धनबाद सीट पर उम्मीदवार के विरोध का एक तरीका बताया जा रहा है.यह भी चर्चा तेज है कि कांग्रेस कोटे की दो सीट के उम्मीदवार को लेकर पुनर्विचार चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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