धनबाद(DHANBAD): इ राजनीति है भईया !!कब कौन किसके पक्ष में जाएगा ,कौन कब बिदक जाएगा, इसका आकलन तो कभी कोई कर ही नहीं सकता. धनबाद की बात कीजिये तो धनबाद के दो मजबूत घराने सिंह मेंशन और रघुकुल के बीच बरसों बरस से विवाद चल रहा है. यह विवाह राजनीतिक भी है और घरेलू भी. बावजूद सिंह मेंशन और रघुकुल अगर एक ही प्रत्याशी का प्रचार करता दिखे ,तो लोग तो चर्चा तो करेंगे ही. ऐसा ही कुछ हो भी रहा है. सूर्य देव सिंह के छोटे बेटे सिद्धार्थ गौतम कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे है. अपनी यूनियन जनता मजदूर संघ के लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं तो दूसरी ओर झरिया से कांग्रेस विधायक होने के नाते पूर्णिमा नीरज सिंह स्वाभाविक तौर पर कांग्रेस का प्रचार कर रही है. शायद धनबाद में यह पहली बार हुआ है कि सिंह मेंशन और रघुकुल के लोग एक ही प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे है. विधानसभा चुनाव में दोनों परिवार झरिया विधानसभा से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आया है.
2019 में आमने -सामने थी पूर्णिमा नीरज सिंह और रागनी सिंह
2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्णिमा नीरज सिंह के सामने सिंह मेंशन की बहू रागिनी सिंह थी, लेकिन चुनाव पूर्णिमा नीरज सिंह ने जीता. फिलहाल वह झरिया से कांग्रेस की विधायक है. वैसे सिंह मेंशन की बहू रागिनी सिंह भाजपा की राजनीति करती है. वह भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो के लिए वोट मांग रही है. प्रत्याशियों के समर्थन पर भी लगता है कि परिवार में खींचतान है. जनता मजदूर संघ के महामंत्री सिद्धार्थ गौतम जहां अनुपमा सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं तो रागिनी सिंह ढुल्लू महतो के पक्ष में प्रचार करती दिख रही है. धनबाद से कांग्रेस ने बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने बाघमारा के विधायक ढुलू महतो को उम्मीदवारी सौंपी है. वैसे धनबाद हॉट सीट बनी हुई है. टिकट बंटवारे के पहले से यह सीट चर्चा में थी और टिकट बंटवारे के बाद भी चर्चा में है.
धनबाद का परिणाम केवल उम्मीदवारों के भाग्य का ही फैसला नहीं करेगा
चुनाव प्रचार को लेकर भी चर्चा है तो अपने पक्ष में मतदाताओं को गोलबंद करने के प्रयास को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं है. जो भी हो, धनबाद लोकसभा का चुनाव परिणाम सिर्फ प्रत्याशियों के भाग्य का ही फैसला नहीं करेगा बल्कि प्रदेश स्तर के कई नेता भी धनबाद लोकसभा चुनाव के परिणाम की चपेट में आएंगे. धनबाद लोकसभा में छह विधानसभा सभा क्षेत्र पड़ते है. निरसा , धनबाद, झरिया, सिंदरी, चंदन कियारी और बोकारो. इन 6 में से पांच पर भाजपा का कब्जा है. लेकिन कई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के साथ विधायक गण दिख नहीं रहे है. वैसे धनबाद सीट पर प्रत्याशी चाहे कांग्रेस का हो अथवा भाजपा का , घात- प्रतिघात का खतरा बना हुआ है. देखना है कौन इस खतरे को कितना कम कर सकता है और बाजी अपने पक्ष में कर सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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