धनबाद(DHANBAD): चुनावी राजनीति भी अजीब होती है. कौन कब किसके साथ हो जाए ,किसका साथ छोड़ दे, यह कहना मुश्किल होता है. किसके साथ कब कौन सा समीकरण बैठ जाए, यह भी कोई नहीं बता सकता.
घंटा भर पहले 36 का आंकड़ा 63 में कैसे बदल जाता है, कोई नहीं जानता .धनबाद लोकसभा क्षेत्र को लेकर गुरुवार को दो तस्वीर सामने आई. एक तस्वीर में कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह जमशेदपुर जाकर निर्दलीय विधायक सरयू राय से आशीर्वाद ले रही हैं तो दूसरी तस्वीर में भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो बोकारो विधायक के साथ धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के घर पहुंचे. दावा किया गया है कि धनबाद लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई. यह प्रयास राज सिन्हा से मधुरता कायम करने के लिए थी अथवा किसी गिले शिकवे को दूर करने की, इसके बारे में तो कोई कुछ नहीं बता रहा .लेकिन तस्वीर के माने मतलब तो निकालेंगे ही.
अनुपमा सिंह ने सरयू राय से लिया आशीर्वाद
गुरुवार को कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह जमशेदपुर जाकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय से मिली. उनका आशीर्वाद लिया. अनुपमा सिंह ने कहा कि अभिभावक सरयू राय से जीत का आशीर्वाद मिला और साथ ही चुनाव से संबंधित मार्गदर्शन भी. धनबाद लोकसभा से ढुल्लू महतो के नाम की घोषणा के बाद से ही सरयू राय विधायक ढुल्लू महतो पर हमलावर रहे हैं. लगातार कच्चा चिट्ठा खोल रहे हैं. उनका मानना है कि धनबाद में भय और आतंक का माहौल खत्म करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. सरयू राय कहते हैं कि धनबाद में लड़ाई दो दलों में नहीं बल्कि दो प्रवृत्तियों में है. आतंक की प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व भाजपा के प्रत्याशी कर रहे हैं. जो भी हो लेकिन गुरुवार को अनुपमा सिंह का सरयू राय से मिलना और आशीर्वाद लेना चर्चा में है.
क्या सरयू राय लड़ेंगे चुनाव
अब तक चर्चा यही थी कि सरयू राय धनबाद से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अभी यह बात साफ नहीं हो पाई है कि अब वह लड़ेंगे अथवा नहीं. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सरयू राय धनबाद आ सकते हैं. लोगों से विचार विमर्श कर सकते हैं. फिर चुनाव लड़ने अथवा नहीं लड़ने की घोषणा कर सकते हैं.
किसकी होगी जीत
वैसे कांग्रेस पार्टी ने संभवतः 1984 के बाद पहली बार राजपूत जाति से उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह बेरमो विधायक अनूप सिंह की पत्नी और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राजेंद्र सिंह की बहू है. बुधवार को वह टिकट लेकर धनबाद पहुंची .लोगों से भेंट की ,फिर गुरुवार को जमशेदपुर में सरयू राय से मुलाकात की. इस मुलाकात की भी राजनीतिक क्षेत्र में माने मतलब निकाले जा रहे है. वैसे धनबाद लोकसभा से 2009 के बाद से राजपूत उम्मीदवार ही जीतते रहे हैं. पशुपतिनाथ सिंह तीसरी बार के विधायक हैं. वह राजपूत जाति से आते हैं. लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दे दिया गया है. पशुपतिनाथ सिंह की छवि धनबाद में अजातशत्रु की रही है. ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर के सिद्धांत पर चलने वाले पशुपतिनाथ सिंह वार्ड पार्षद से चुनावी राजनीति शुरू की थी. तीन बार के विधायक और तीन बार सांसद रहे. झारखंड सरकार में वह मंत्री भी रहे. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे. इस बार वह मैदान में नहीं है. कांग्रेस ने राजपूत जाति की महिला को उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा ने ओबीसी को कैंडिडेट बनाया है. अब देखना है कि सरयू राय धनबाद से चुनाव लड़ते हैं अथवा नहीं. अगर सरयू राय मैदान में उतरते हैं तो लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है. अथवा सीधी फाइट होगी .वैसे धनबाद लोकसभा से मासस ने उम्मीदवार घोषित कर रखा है. उसकी सिंदरी और निरासा दो विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. ऐसे में भाजपा अथवा कांग्रेस या सरयू राय को चुनाव जीतने के लिए इन दो विधानसभा क्षेत्र को भी साधना होगा. देखना दिलचस्प होगा कि आगे आगे होता क्या है.
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