धनबाद(DHANBAD): धनबाद को भले ही धन से आबाद कहा जाता हो, भले ही यहां का रेल मंडल देश का नंबर एक कमाऊ पूत हो ,भले ही धनबाद रेल मंडल की कमाई से रेल मंत्रालय की छाती चौड़ी होती हो, लेकिन धनबाद को सुविधाओं के लिए तरसाया जाता है. एयरपोर्ट तो है नहीं, शहर के भीतर भी ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था भगवान भरोसे है, ट्रेनों का भी वही हाल है. सिंदरी के एक सीनियर सिटीजन ने पत्र लिखकर कहा है कि धनबाद को बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली ,पुणे, पुरी की सीधी ट्रेन नहीं है. इसके लिए लगातार धनबाद के सांसद से भी संपर्क किया गया. उन्होंने भी आश्वासन दिया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. गंगा दामोदर एक्सप्रेस को आरा तक बढ़ा दिया गया है. पाटलिपुत्रा को भी एक्सटेंशन दिया गया है.
धनबाद तक कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों को एक्सटेंड करने की उठी मांग
यह बात भी सच है कि इस एक्सटेंशन से यात्रियों को सुविधा होगी. रेलवे की प्रयास की सराहना ज़रूर की जानी चाहिए, लेकिन धनबाद के लोगों के लिए भी कुछ सुविधाएं जरुरी है. मांग की गई है कि जिस तरह से ट्रेनों को एक्सटेंशन दिया गया है, उसी तरह हटिया -पुणे, हटिया -कुर्ला, हटिया -पुरी सहित अन्य उपयोगी ट्रेनों को धनबाद तक एक्सटेंड कर दिया जाए, तो धनबाद के लोगों को बहुत सहूलियत होगी. इसके लिए रेलवे को कोई अतिरिक्त सुविधाएं बढ़ाने की भी जरूरत भी नहीं होगी. वैसे, भी धनबाद का सीधा संबंध देश के बड़े-बड़े शहरों से है. यहां के लोग बाहर जाने के लिए लंबी दूरी तय करते है. एरोप्लेन की बात कौन कहे, ट्रेन पकड़ने के लिए भी लोग रांची, जमशेदपुर और आसनसोल तक जाते है. फिर यह धनबाद के साथ रेल का कैसा न्याय है.
धनबाद से दिल्ली के लिए 20 सालों से हो रही मांग
धनबाद से दिल्ली के लिए हर दिन सैकड़ों लोग रेल मार्ग से यात्रा करते हैं, पर धनबाद से दिल्ली के लिए कोई ट्रेन नहीं खुलती. लोगों को हावड़ा और सियालदह से आने वाली ट्रेनों पर ही आश्रित रहना पड़ता है. धनबाद से दिल्ली के लिए ट्रेन की मांग 20 वर्षों से लगातार की जा रही है. इसपर रेलवे ने कभी ध्यान तक नहीं दिया. नतीजा धनबाद को आज तक दिल्ली के लिए ट्रेन नहीं मिल सकी. इधर, धनबाद होकर चलने वाली तीन स्पेशल ट्रेन सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह से बंद हो रही है. रेलवे को इन ट्रेनों का ध्यान नहीं है. यदि शीघ्र इन ट्रेनों के फेरे नहीं बढ़ाए गए तो पूजा में यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. धनबाद होकर चलने वाली रांची -गुवाहाटी स्पेशल 25 सितंबर को अंतिम फेरा लगाएगी, इसी तरह बरौनी- कोयंबटूर स्पेशल पहली अक्टूबर के बाद नहीं चलेगी, रक्सौल- सिकंदराबाद स्पेशल की बुकिंग भी 3 अक्टूबर तक ही हो रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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