Dhanbad : झरिया का जीनागोडा कांड कैसे है बाघमारा कांड का फोटोकॉपी, पढ़िए इस रिपोर्ट में

धनबाद(DHANBAD) : झरिया जीनागोडा कांड को लोग बाघमारा कांड का फोटो कॉपी बता रहे है. कह रहे हैं कि बाघमारा की घटना में डीएसपी को गंभीर चोट लगी थी, तो झरिया कांड में तिसरा के थाना प्रभारी चोटिल हुए है. बाघमारा कांड में भी एक गुट आउटसोर्सिंग कंपनी के पक्ष में था, तो दूसरा विरोध में. झरिया कांड में भी एक गुट आउटसोर्सिंग कंपनी का समर्थक था, तो ग्रामीण आउटसोर्स कंपनी का विरोध कर रहे थे. इसी को लेकर भारी बवाल हुआ. बाघमारा कांड में जितने गोली और बम चले, उतना झरिया में नहीं चला. लेकिन झरिया में लगभग दो दर्जन बाइक फूंक दी गई. सभी बाइक धू-धू कर जल गई. दरअसल, झरिया के सुरंगा पहाड़ी, गोल्डन पहाड़ी और मुकुंदा के रैयत अपनी जमीन पर जबरन ओबी डंप करने के खिलाफ शनिवार को हंगामा किया. ग्रामीणों ने आउटसोर्सिंग कंपनी का काम ठप करा दिया.
दो से तीन राउंड फायरिंग की भी हो रही चर्चा
इसके बाद आउटसोर्सिंग समर्थकों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इसमें दो से तीन राउंड फायरिंग की बात भी कहीं जा रही है. हालांकि पुलिस फायरिंग की बात से इनकार कर रही है. झड़प के दौरान तिसरा थाना प्रभारी समेत एक दर्जन लोग घायल हो गए है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कैंप के समीप जमकर उत्पात मचाया. कैंप के बाहर खड़ी दो दर्जन से अधिक बाइक को फूंक दिया. चार हॉलपैक, दो डंपर, एक डीजल व एक पानी टैंकर में तोड़फोड़ की. इसके बाद घटनास्थल पर अफरातफरी मच गई. कैंप छोड़ सभी कर्मी भाग खड़े हुए. इधर, सूचना पाकर जोड़ापोखर सर्किल इंस्पेक्टर, बलियापुर सीओ समेत कई थानों की पुलिस व सीआईएसएफ के अधिकारी और जवान घटनास्थल पर पहुंचे. पुलिस झरिया कांड को लेकर भी सख्त रुख अपनाये हुए है.
सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है
सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. आउटसोर्सिंग कंपनी के समर्थक लोगों की भी पहचान हो रही है. पुलिस ने संकेत दिया है कि जो लोग भी इस घटना में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह भी चर्चा है कि आउटसोर्सिंग परियोजना में रैयत अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे थे. इसी बीच कुछ नकाबपोश लोग पहुंचे और मारपीट करने लगे. इसके बाद बात बिगड़ गई. पुलिस इसकी भी जांच कर रही है. सूत्र बताते हैं कि रैयती जमीन पर ओबी डंप किए जाने का मामला पुराना है. इसके पहले भी कई बार ग्रामीण और प्रबंधन के बीच संघर्ष हो चुका है. पिछले साल भी गोली-बम चले थे. उसमें कई लोग घायल हुए थे. रैयतों का कहना है कि ओबी डंपिंग से जमीन नष्ट हो गई है. वह भी डंपिंग के चलते. हालांकि यह भी चर्चा है कि रास्ते को लेकर दो गुटों में भिड़ंत हुई. इसके बाद तोड़फोड़ की गई है. अब देखना है कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है?
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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