गढ़वा(GARHWA): केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसान वर्ग को आर्थिक सहायता देने के लिए चलाई जा रही है. ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जो इसका गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं. किसानों के लिए चलाई जा रही इस योजना का लाभ किसानों की जगह अन्य वर्ग व समुदाय के लोग ले रहे हैं. ऐसा ही कुछ मामला गढ़वा जिले से सामने आ रहा है. जहां पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अब तक करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा हो चुका है.
गढ़वा जिले का बिसुनपुरा प्रखंड आजकल सुर्खियों में है. इस प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं जो सीधे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात के नाम से जाने जा रहे हैं. क्योंकि, इन गांवों में फर्जीवाड़ा का नया खुलासा हुआ है. दरअसल, बिसुनपुरा प्रखंड के कमता, जोगीखुर्द, पिपरीकला, पिपरीखुर्द गांव के व्यक्ति के नाम पर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के फर्जी लाभुक लाभ उठा रहे हैं. इस प्रखंड के पदाधिकारी व कर्मियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जा रहा है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ ज़ब बिसुनपुरा प्रखंड के जिला परिषद सदस्य शम्भू चंद्रवंशी को इसकी जानकारी लगी. जिसके बाद जिला परिषद पीएम सम्मान का एक डाटा लेकर पहुंचे और गांव में पूछताछ की. इस दौरान उन्हें कोई भी व्यक्ति नहीं मिला जिनका नाम डाटा में एंट्री है. सभी या तो दूसरे राज्य के हैं या आदिवासी इलाके में जनरल लोगों का नाम जोड़ कर पैसे की निकासी की जा रही है.
बता दें कि, गढ़वा जिले के सिर्फ एक प्रखंड बिसुनपुरा प्रखंड का यह मामला नहीं है. इस जिले में 20 प्रखंड हैं जहां यह खेला हो रहा है. वहीं, जिला परिषद सदस्य शम्भू चन्द्रवंशी ने इसे लेकर राज्य सरकार व केंद्र सरकार से जांच की मांग की है. उन्होंने उदाहरण के तौर पर 6 लोगों के नाम भी बताए हैं, जो दूसरे राज्य के हैं जबकि पता हमारे यहां का है.
जिला परिषद सदस्य द्वारा बताए गए नामों में दिल्ली निवासी रविकांत चौबे जिसका पता कमता गांव का है. इसी तरह बिहार निवासी दिनेश कुमार जबकि पता जोगीखुर्द गांव का है. छत्तीसगढ़ की मनीता जबकि पता जोगीखुर्द का है. महाराष्ट्र के संजय साह जबकि पता चित्तरी गांव का है. गुजरात के संतोष कुमार महतो जबकि डाटा इंट्री बटॉवा का है. इसी तरह उत्तर प्रदेश की रंगीता जबकि इंट्री कमता गांव का है. वहीं, इस मामले को लेकर जिले के उप विकास आयुक्त ने कहा है कि जिला परिषद सदस्य द्वारा जानकारी दी गई है. कुछ तो कमियां हैं. हमलोग इसकी जांच कर रहे हैं.
रिपोर्ट: धर्मेन्द्र कुमार
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