धनबाद(DHANBAD): 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन आज धनबाद में फुटपाथ दुकानदारों के आंदोलन को हाईजैक करने का प्रयास दिखा. अचानक कई लोग दुकानदारों के हिमायती बन गए. दो दिन पहले भी धरना-प्रदर्शन हुआ था. सड़क से विस्थापित हुए दुकानदारों के लिए आज धरना-प्रदर्शन का दिन चुना गया. धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर धरना-प्रदर्शन के बाद आंदोलनकारी सीधे नगर निगम कार्यालय पहुंचे और अपनी मांगे रखी. उनका कहना था कि सरकार से जो उन्हें अधिकार प्रदत है, उन्हें कोई कैसे छीन सकता है.
पहले बसने का इंतजाम हो
दुकानदारों को हटाने के पहले उन्हें बसाने की व्यवस्था होनी चाहिए, बिना व्यवस्था के दुकानदारों को हटा देना कहीं से न्यायसांगत नहीं है. आज उनके आंदोलन को धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा का भी समर्थन मिला और धनबाद नगर निगम की पहली मेयर रही इंदु देवी के साथ उनकी बहू आसनी सिंह भी आन्दोलनकारियों के पक्ष में खड़ी दिखी. आसनी सिंह ने कहा कि दुकानदारों को बिना बसाए हटाना न्याय के खिलाफ है और उनकी इस लड़ाई में वह हमेशा साथ खड़ी मिलेंगी.
सुचारु ट्रैफिक के लिए निगम ने हटाई है दुकाने
आपको बता दें कि एक सप्ताह पूर्व नगर निगम ने सड़क को अतिक्रमण कर दुकान खोलने वाले दुकानदारों को हटा दिया है. निगम का कहना है कि मूवमेंट वाली दुकानों को नहीं हटाया गया है लेकिन जो स्थाई निर्माण कर लिए हैं, उनको सुचारू ट्रैफिक के लिए हटाना जरूरी हो गया था. निगम के अधिकारियों को फुटपाथ दुकानदारों ने 11 सूत्री मांग पत्र भी दिया. मांग पत्र में धनबाद जिला के सभी फुटपाथ विक्रेताओं का सर्वे कर पहचान पत्र निर्गत करने, वेंडिंग सर्टिफिकेट जिन्हे अभी तक नहीं मिला है, देने की मांग की गई. निगम क्षेत्र में वेंडिंग जोन के लिए चिन्हित जगहों पर निर्माण कराकर फुटपाथ दुकानदारों को दुकान देने की मांग भी की गई. फुटपाथ दुकानदारों से यूजर चार्ज के नाम पर मनमानी वसूली बंद किया जाए, इतना ही नहीं, फुटपाथ दुकानदारों से दबंग लोगों द्वारा वसूली पर भी रोक लगाई जाए, इसके अलावा अन्य मांगे भी शामिल थी. देखना है कि यह आंदोलन कहां जाकर ठहरता है.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट
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