धनबाद(DHANBAD): अगर हम लोग फायरिंग नहीं करते तो जान जा सकती थी. हम लोगों की राइफल छीनी जा सकती थी. यह कहना है गुरुवार को कोयला चोरों और सीआईएसएफ के बीच कई चरणों में हुए भिड़ंत में घायल सीआईएसएफ के महिला, पुरुष जवान और अधिकारियों का. गुरुवार को बरोड़ा और मधुबन थाना क्षेत्र में तीन राउंड में मारपीट और पत्थरबाजी की घटनाएं हुई .पहली घटना सुबह 8 बजे हुई, फिर दिन के 10 बजे और फिर अपराहन 3 बजे के बाद. इस मामले में सीआईएसएफ की शिकायत पर पुलिस ने 10 नामजद लोगों सहित 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. सवाल यहां यह उठता है कि आखिर कोयला चोरों में इतनी ताकत कहां से आ गई है जो सीआईएसएफ की भारी-भरकम फौज सहित पुलिस से टकराने का साहस जुटा लिए है. कोयलांचल में हमला करने वाले ग्रामीण तो मोहरा होते हैं, असली चेहरा तो नेपथ्य में होता है .जब तक उस चेहरे को सामने नहीं पुलिस लाएगी, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी .घटना की शुरुआत सुबह 8 बजे हुई ,जब सीआईएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम कोयला चोरों को रोकने पहुंची तो पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. सीआईएसएफ की टीम सुरक्षा के ख्याल से अलग हट गई ,फिर थोड़ी तैयारी के साथ दिन के 10 बजे पहुंची तो टीम पर फिर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. सीआईएसएफ को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें एक कोयला चोर को गोली लगने की सूचना है. उसके बाद भी कोयला चोर टीम पर भारी पड़े. इसके बाद अपराहन 3 बजे के बाद इलाके में कोयला चोरों के मन में भय व्याप्त करने के लिए फ्लैग मार्च निकालने का निर्णय हुआ. यह फ्लैग मार्च जैसे ही आशा कोठी नामक जगह पर पहुंचा तो वहां कोयले का ढेर दिखा. अभी कोयला जब्ती की प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि सैकड़ों ग्रामीणों का दल सीआईएसए पर हमला बोल दिया. सीआईएसफ जवान हवा में फायरिंग कर जान बचाई. महिला हेड कांस्टेबल सहित 6 से अधिक जवान इस घटना में घायल हो गए हैं.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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