धनबाद(DHANBAD) | चुनाव में अभी देरी है लेकिन राजनीतिक दल अपने-अपने समर्थकों को समेटने में लग गए है. कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता. भाजपा हो, कांग्रेस हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा अथवा जदयू या राजद. सभी अपने-अपने ढंग से समर्थकों का मन- मिजाज टटोल रहे है. जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बार वोटरों का मूड कैसा रहेगा. कल ही भाजपा के लोग सांसद पीएन सिंह के साथ तारापीठ दर्शन को गए है. मकसद सिर्फ दर्शन करना नहीं बल्कि राजनीतिक हालातों को जानना है, ऐसा राजनीतिक लोग ही बता रहे है. इधर रविवार को धनबाद की सिंदरी में कांग्रेस का एक भोज हुआ. कहने के लिए तो यह कहा गया कि सावन अब शुरू होने वाला है, ऐसे में नॉनवेज लोग नहीं खांएंगे . इसी उद्देश्य से आज मटन- भात का कार्यक्रम हो रहा है. यहां भी सावन को बहाना बनाया गया है लेकिन असली मकसद लोगों को एकजुट करना हो सकता है. सिंदरी के इस कार्यक्रम में कौन-कौन से लोग पहुंचे,किसे- किसे निमंत्रण था ,इसकी तो जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन इतना तो तय है कि यह मीट- भात साधारण मीट- भात नहीं होगा.
कुछ बाते ऐसी है जो पच नहीं रही
इसके पीछे भी कोई न कोई राजनीतिक मतलब और मकसद हो सकता है. वैसे, कहा जा रहा है कि इस भोज के आयोजक सिंदरी के लोकल कांग्रेसी है. लेकिन यह बात पच नहीं रही है. धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष को इस भोज में आमंत्रित नहीं किया गया है. जाहिर है कि प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह भी आमंत्रित नहीं होंगे. इसके अलावा संतोष सिंह के जिला अध्यक्ष बनने से नाराज कांग्रेसी भी इस भोज में शामिल नहीं होने या निमंत्रण नहीं देने की बात कही जा रही है. वैसे धनबाद में जिला कांग्रेस कार्यालय का ताला नहीं खुलने से उनकी भद पीट रही है. इसके लिए कांग्रेसियों ने आंदोलन किया, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने आकर कहा कि आप आंदोलन करिए, ताला जरूर खुलेगा, लेकिन ताला नहीं खुला और आंदोलन भी खत्म हो गया. मतलब सरकार में रहते हुए भी कांग्रेसी अपने ऐतिहासिक कार्यालय का ताला नहीं खुलवा सक रहे है. इधर, धनबाद जिला कांग्रेस कई गुटों में बट गई है. लगातार विवाद हो रहे है.
कोंग्रेसियों के "कानी गाय की अलग बथान"
"कानी गाय की अलग बथान" की तरह कांग्रेसी अलग-अलग गुटों में बंटे हुए है. जिस गुट से भी बात करिए ,उनके पास सैकड़ों शिकायतें तैयार रहती है. इन्हीं हालातों में 2024 में कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. यह अलग बात है कि धनबाद लोकसभा सीट से किसी स्थानीय को कांग्रेस टिकट देगी अथवा कोई आयातित उम्मीदवार यहां खड़ा होगा, अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी नए ढंग से शुरू हुई है. वैसे कई लोग सांसद का चुनाव लड़ने के लिए धनबाद ,रांची और दिल्ली में लोब्बिंग कर रहे है. जिला अध्यक्ष संतोष सिंह और अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह में तो साफ तौर पर 36 का आंकड़ा दिख रहा है. ऐसे में आज सिंदरी में भोज का आयोजन किस समीकरण को जन्म देता है ,यह देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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