धनबाद(DHANBAD): धनबाद में क्या पुलिस अधिकारी बिना "चढ़ावा" के काम नहीं करते. कम से कम आंकड़े तो यही बता रहे है. एसीबी की छापेमारी में पुलिस वाले ही अधिक गिरफ्तार हो रहे है. बुधवार को एसीबी की टीम ने 10,000 घूस लेते लोयाबाद थाने के एएसआई मनोज मिश्रा को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी एकडा पुल के पास की गई है. एक महीना पहले लोयाबाद थाना में दो परिवारों के बीच मारपीट हुई थी. केस डायरी कमजोर करने के नाम पर मनोज मिश्र लगातार घूस की मांग कर रहे थे. इसके बाद इसकी शिकायत एसबीसी से की गई. शिकायत की जांच- पड़ताल के बाद आज मनोज मिश्रा को एसीबी की टीम ने घात लगाकर गिरफ्तार कर लिया.
किस ओर इशारा करते हैं आकड़े
इसके महीनो पहले 7 जून 2023 को महिला थाना में तैनात जमादार सत्येंद्र पासवान ₹4000 घूस लेते गिरफ्तार कर लिए गए थे. आंकड़े पर गौर करें तो 12 फरवरी 2019 को भागा बांध के जमादार महेंद्र कुमार ₹7000 घूस लेते गिरफ्तार किए गए थे. 14 फरवरी 2019 को धनसार थाना के एएसआई लक्ष्मण बाण सिंह ₹5000 घूस लेते पकड़े गए थे. 26 फरवरी 2020 को गोविंदपुर के दारोगा मुनेश कुमार घूस लेते धरे गए थे. 25 अप्रैल 2021 को कालूबथान के ए एसआई हरि प्रकाश मिश्रा ₹10000 लेते पकड़े गए थे. 22 जून 2022 को लोयाबाद के दारोगा निलेश कुमार सिंह घूस लेते पकड़े पकड़े गए थे. 22 नवंबर 2022 को लोयाबाद के एएसआई दशरथ साहू ₹10000 लेते पकड़े गए थे. 22 नवंबर 2022 को सरायढेला थाना के पीएसआई राजेंद्र उराव ₹6000 रिश्वत लेते पकड़े गए थे.
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा हो रहा है भारी
कहा जा सकता है कि थानों के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा मोटा है. आरोप लगते रहे हैं कि बिना चढ़ावा के कोई काम नहीं होते. अगर मारपीट की शिकायत पर दोनों पक्ष थाना पहुंच जाएं तो फिर देखिए दोनों पक्षों को कैसे बरगला कर उनका दोहन किया जाता है. धनबाद की आबादी लगभग 28लाख है ,लेकिन इनमें से कितनों के पास हिम्मत और साहस है कि वह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़े अधिकारियों से शिकायत करें या निगरानी ब्यूरो में जाकर शिकायत दर्ज कराये. ऐसे तो लोग बहुत कम ही होंगे, जो निगरानी ब्यूरो तक पहुंच पाते होंगे. झारखंड में तो कम से कम हमेशा यह चर्चा होती रहती है कि पुलिस और पब्लिक में मित्रता बढ़े , दोनों एक दूसरे का भरोसा जीते. लेकिन ऐसा होता नहीं है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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