देवघर (DEOGARH) : देवघर का महत्वाकांक्षी पूनासी जलाशय परियोजना के विस्थापितों की समस्याओं से अवगत होने कांग्रेस विधायक दल के उपनेता और पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव आज आस्ता गांव पहुँचे.यहां उनके द्वारा संवाद कार्यक्रम आयोजित की गई थी. 1981 में 36 करोड़ प्राक्कलन से शुरू हुई यह योजना आज 800 करोड़ पर पहुंच गई है. लेकिन अभी तक इसका काम पूरा नही हो पाया है. परियोजना में तीन पंचायत के 16 गांव के कुल 606 विस्थापितों की जमीन गई है. विस्थापन एवं पुनर्वास निति के तहत हर परिवार को जमीन का मुआब्जा के साथ विस्थापित परिवार को एक नोकरी,25 डीसमिल जमीन के साथ पुनर्वासित करना था. लेकिन आज तक यह पुरा नहीं हो पाया।विस्थापित परिवार को जब कुछ लाभ मिलना शुरू हुआ तब तक कई नौजवान व्यस्क हो गए. नौकरी नही मिलने पर आज वो दर दर भटकने को मजबूर हैं.
प्रदीप यादव ने सूनी विस्थापितों की समस्या
पुनासी के विस्थापितों की समस्या वहाँ के विस्थापित नेताओं द्वारा प्रदीप यादव के समक्ष रखा गया।नेताओं ने बताया कि जलसंसाधन विभाग द्वारा पुनर्वास नीति के तहत् 3,60,000/रुपए तथा स्वरोजगार के लिए 2,25,000/रु मिलना था जो कुछ लोगों को मिला तथा शेष इससे अभी भी वंचित हैं. विस्थापितों के पुनर्वासित के लिए कई टोला की स्थिति काफी बदहाल है,जहां कोई सुविधा प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है. विस्थापन नीति के सेक्सन 4 के तहत सैकड़ों व्यस्कों को विस्थापित का लाभ मिलने के लिए सर्वे भी किया गया है लेकिन आज तक वो कागज पर ही है. विस्थापितों ने अपने हक़ को लेकर न्यायालय का रुख किया और कई मामले उच्च न्यायालय में अभी भी लंबित ही है।विधायक प्रदीप यादव ने बिस्थापितों की समस्याओं से अवगत हो कर कहा कि विस्थापितों की समस्याएं अनेक हैं तथा यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. इन्होंने विस्थापित परिवारो को उनकी समस्या का जल्द निदान करने का आश्वासन दिया है।मूलभूत सुविधा स्कूल ,अस्पताल, पुल-पुलिया एवं रोड तथा बिजली आदि के कार्य प्राथमिकता के अनुसार सुनिश्चित करवाने की भी बात प्रदीप यादव ने की।इन्होंने कहा कि पूरी कागजात देख कर और अधिक जानकारी लेकर समस्या का समाधान किया जाएगा।अगर जरूरी पड़ेगी तो विधानसभा में भी प्रश्न उठाने से पीछे नही रहने की बात कही है.
विस्थापितों के हक़ के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा,पूर्ववर्ती सरकार ने छला था विस्थापितों को-प्रदीप
प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा अडानी पावर प्लांट में भाजपा सरकार में मोदी जी अपने पूंजीपति मित्रों के खातिर रातों-रात कांग्रेस द्वारा आठ वर्ष पूर्व बनाई गई किसान हित में भूमिअधिग्रहण बिल को बदल दिया गया था. जिससे गोड्डा पावर प्लांट में अडानी को 4450 करोड़ का नफा पहुचाया गया. एक करोड़ चार लाख प्रति एकड़ की दर से मिलने वाली मुआवजा राशि को घटाकर 13 लाख रुपैया कर दिया गया था. इन्होंने कहा कि इसकी लड़ाई उन्होंने लड़ी और उनके ऊपर कई झूठे मुकदमे करके 6 माह जेल में डाल दिया था पूर्ववर्ती सरकार ने.बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और सरकार को घुटने टेकने पड़े. तब किसानों का मुआवजा राशि चौवन लाख प्रति एकड़ दिया गया और 8 गांव की जमीन लेने के लक्ष्य को घटाकर 4 गांव पर आना पड़ा. आज वहां विस्थापितों एवं स्थानीय को 75 परसेंट नौकरी दिलाने का काम कर रहे हैं. प्रदीप यादव ने कहा1 हम विस्थापितों की लड़ाई लड़ते हैं और पूरी इमानदारी से लड़ते हैं और जब तक उसे मुकाम पर नहीं पहुंचाते हैं,हमारी लड़ाई जारी रहती है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार गरीब,मजदूर, किसानों के हित में काम कर रही हैं. इनके हितों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं धरातल पर लागू करके एक मिसाल बना रहे हैं. आपकी भी मूलभूत सुविधाएं सरकार गंभीरता पूर्वक लेकर निदान करेगी.
केंद्र सरकार गरीब विरोधी है
केंद्र की मोदी सरकार गरीब,मजदूर, किसान विरोधी है। जिन्होंने किसान के लिए काला कानून लाने का काम किया। जिसके लिए छः माह तक किसान सड़कों पर आंदोलन करते रहे और हजारों किसानों ने शहादतें दी।प्रदीप यादव ने कहा कि 9 वर्षों के सर्वे में 80% लोगों की आमदनी घट गई है, जिसका कारण गलत जीएसटी, कोरोना,नोटबंदी, मंहगाई और बेरोजगारी आदि कारण हैं.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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