देवघर(DEOHAR):देवघर के संयुक्त कृषि भवन के मैदान में जिला स्तरीय कृषि मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.जिसका उद्देश्य किसानों को नई तकनीक की जानकारी और उनके उत्पादन को वृद्धि करने से था, लेकिन उम्मीद से कम किसानों की उपस्थिति चर्चा का विषय बना हुआ है.दूसरी ओर जिला स्तर का यह कार्यक्रम ताम झाम के साथ आयोजित हुआ. इसका उद्घाटन जिला परिषद सदस्य और प्रखंड स्तर के जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया.ऐसे में सिर्फ खानापूर्ति और सरकारी राशि का गलत उपयोग करने जैसा सवाल भी उठ रहा है.वही कृषि पदाधिकारी अपना अलग ही राग अलाप रहे हैं.
प्रदर्शनी में दिखा किसानों का उत्पाद
किसानों को आवश्यक कृषि कार्यों की जानकारी देने और कृषि कार्य में नए तकनीक के जरिये आ रहे बदलाव से किसानों को अवगत कराने के उद्देश्य से देवघर में एक दिवसीय कृषि मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन हुआ.इसके लिए मेला में अलग-अलग स्टॉल लगा कर किसानों को कृषि की नई तकनीक की जानकारी दी गई और सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उन्हें कृषि के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही है. विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया.देवघर जिला के सभी 10 प्रखंडों से आये किसानों द्वारा उत्कृष्ट फसलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई.जिसमें किसानों द्वारा उपजाई गयी एक से एक फसल को अन्य किसान को दिखाई गई और इसके प्रति प्रेरित भी किया गया.प्रदर्शनी में बेहतर फसल उपजाने वाले किसान को पुरस्कृत भी किया गया.
कृषि पदाधिकारी ने कहा किसान सीएम के कार्यक्रम में शामिल होने दुमका चले गए
जिला स्तरीय इस कार्यक्रम में किसानों की कम उपस्थिति पर जिला कृषि पदाधिकारी कमल कुजूर ने अपना पाला झाड़ते हुए कहा कि अधिकांश किसान दुमका में आयोजित सीएम के कार्यक्रम में चले गए हैं.इन्होंने कहा कि पहले से ही मेला की तिथि तय थी जिसकी वजह से इसको आयोजित किया गया.अब सवाल उठता है कि जब किसानों के लिए आयोजित कार्यक्रम में किसानो की संख्या कम होने से इसका फायदा किसे मिला होगा.जब सीएम का कार्यक्रम तय हुआ तो इस कार्यक्रम को आगे भी बढ़ाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.दबे जुबान से लोग इस कार्यक्रम को सरकारी पैसों का दुरुपयोग करने की बात कह रहे हैं,जो उद्देश्य था उसका फायदा किसानों को नही मिला.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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