देवघर(DEOGHAR):इन दिनों आदिवासी गांव के लोगों को कई गंभीर बीमारी घेरे हुए हैं. गोड्डा जिला के सुंदर पहाड़ी क्षेत्र के बाद अब देवघर के आदिवासी गांव के दर्जनों लोग बीमारी से ग्रसित हो गए हैं. देवघर के सारठ प्रखण्ड का मामला सामने आया है. जहां आदिवासी बहुल गांव झिलुआ में दर्जनों आदिवासी लोग मलेरिया जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित है. प्रशासन द्वारा गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेज कर ग्रामीणों का खून जांच किया गया, जिसमें कइयों को मलेरिया बुखार के लक्षण मिले हैं.
मजदूरी करने गए थे कोल्हान प्रमंडल के जिले
वहीं इलाज के दौरान एक की मौत हो गई, तो दो लोगों की स्थिति गम्भीर है. गांव के दर्जनों लोग मजदूरी करने के लिए जमशेदपुर और चक्रधरपुर गए थे.बताया जाता है कि उक्त गांव के हीरालाल हेंब्रम,राजकुमार किस्कु, कमल किस्कु, मंत्री हेंब्रम, रामप्रसाद किस्कु, अरविंद किस्कु, तारिणी किस्कु, सूरज मुर्मू , मनोज किस्कु इत्यादि लोग मजदूरी करने गए हुए थे. सभी लोग वहां पर गम्भीर रूप से बीमार हो गए थे. सभी आनन फानन में किसी तरह अपने गांव पहुंचे.घर वालों द्वारा बीमार पड़े लोगों की सेवा भी की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही.
जांच में दर्जन भर लोगों में मलेरिया होने की पुष्टि हुई
जिसके बाद परिजनों ने स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक से संपर्क किया. डॉक्टर झिलुआ गांव पहुंचकर सभी ग्रामीणों की जांच की.इसी दौरान दर्जन भर लोगों में मलेरिया होने की पुष्टि हुई जो गंभीर हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल से लेकर रांची रिम्स तक रेफर किया गया.बाकी लोगो का इलाज चिकित्सक की देख रेख में उनके घर पर ही किया जा रहा है.ग्रामीणों के अनुसार गांव के एक व्यक्ति बिरेन किस्कू की इस बीमारी से मौत इलाज के दौरान रांची में हो चुकी है.
बीमारी फैलने से रोकने के लिए ग्रामीणों को चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है जागरूक
एक साथ दर्जनों ग्रामीणों को मलेरिया बीमारी से ग्रसित होने के बाद जिला उपायुक्त विशाल सागर के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम गांव पहुंचकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.इसके अलावा सभी ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच लगातार किया जा रहा है.ग्रामीणों को गंदे पानी का जमाव नहीं होने के अलावा मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करने का आग्रह किया जा रहा है.देवघर का यह सिर्फ एक मात्र गांव नहीं है जहां के लोगो को इस तरह की बीमारी हुई है. दर्जनों ऐसे गांव है जहां मलेरिया जैसी बीमारी से लोग ग्रसित होंगे.जरूरत है सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर लोगो का स्वास्थ्य जांच करे.तभी आदिवासी लोग स्वस्थ और सुरक्षित हो सकते हैं.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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