धनबाद(DHANBAD): साइबर अपराधियों ने धनबाद को अपना ठिकाना बना लिया है. तरीका भी बदल लिए है. अब लोकल नहीं, बाहर के प्रदेशों से सैलरी पर लड़कों को लाया जाता है. उन्हें किसी जगह पर ठहरा कर उनसे ठगी का काम कराया जाता है. इसका खुलासा धनबाद में साइबर पुलिस ने किया है. इस गैंग का किंगपिन कहां रहता है, यह साइबर अपराध में शामिल युवकों को भी पता नहीं रहता. पुलिस ने कर्नाटक के दो सहोदर भाई और बिहार के एक युवक को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार बाहर के प्रदेशों से खासकर दक्षिण भारत के इलाके से युवकों को धनबाद बुलाया जाता है. उन्हें एक जगह पर ठहराया जाता है. फिर दक्षिण भारत के लोगों को उनकी भाषा में फोन करा कर ठगी का काम कराया जाता है. कर्नाटक से आए दो भाई इस बार पुलिस की पकड़ में आ गए.
खुलासा -पहले भी आये थे दक्षिण भारत के राज्यों से युवक
अन्यथा इसके पहले भी दक्षिण भारत के राज्यों से युवकों को धनबाद बुलाया गया और फिर उन्हें वापस भेज दिया गया था. धनबाद के सराय ढेला थाना क्षेत्र के सहयोगी नगर में जब पुलिस ने छापेमारी की, तो इस बात का खुलासा हुआ. पुलिस ने कर्नाटक के दो सहोदर भाई समेत तीन युवको को गिरफ्तार किया है. इसमें बिहार के नालंदा जिला का रहने वाला युवक भी शामिल है. यह अलग बात है कि इस गैंग का सरगना अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है. साइबर पुलिस के अनुसार तीनों आरोपी प्रतिबिंब ऐप के जरिए पकड़े गए है. इन लोगों ने कुछ दिन पहले तेलंगाना के हैदराबाद के एक व्यक्ति को ₹100000 लोन दिलाने के लिए प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 4600 की ठगी की थी. उसे व्यक्ति ने हैदराबाद में इसकी प्राथमिक दर्ज कराई है. वहां उसका नंबर प्रतिबिंब ऐप में डाल दिया गया. उसके बाद वह नंबर धनबाद के सहयोगी नगर में एक्टिव हुआ. तो साइबर थाने की पुलिस ने लोकेशन के आधार पर छापेमारी की. तीनों युवक संदिग्ध स्थिति में पकड़े गए.
जिस नंबर से ठगी की गई थी ,वह सिम भी पुलिस के हाथ लगा है
इन लोगों के पास से वह सिम कार्ड भी मिला, जिसे हैदराबाद के व्यक्ति से ठगी की गई थी. इसके अलावे 10 मोबाइल फोन और 7 सिम कार्ड बरामद किये गए है. जिस फ्लैट में छापेमारी कर पुलिस ने युवकों को अरेस्ट किया है, उसके मालिक धनबाद से बाहर रहते है. अब पुलिस यह जांच पड़ताल में जुटी है कि आखिर वह फ्लैट इस गैंग के सरगना को कैसे मिला. जो भी हो, लेकिन साइबर ठग तरह-तरह के तरीके अपना कर लोगों को ठग रहे है. कहीं डिजिटल अरेस्ट कर ठगी कर रहे हैं तो कभी फर्जी नोटिस आदि भेज कर लोगों को झांसे में ले रहे है. फिर सरकारी एजेंसियों का भय दिखाकर उनसे राशि ऐंठ ले रहे है. साइबर अपराधी धीरे-धीरे बड़ी चुनौती बनते जा रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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