Cyeber crime:धनबाद से सटे जामताड़ा के स्कूली बच्चों पर भी साइबर अपराध में शामिल होने का संदेह,जानिए किस प्रदेश ने किया है सचेत


धनबाद(DHANBAD):धनबाद से सटे जामताड़ा के स्कूली बच्चे भी अब साइबर अपराध की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. यह खतरनाक संकेत है, खतरे की घंटी है .केरल पुलिस से जानकारी मिलने के बाद जामताड़ा शिक्षा विभाग सजग हो गया है. जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है. बच्चों को बता रहा है कि यह आगे चलकर उनके जीवन को परेशानी में डाल देगा. आश्चर्य की बात है कि स्कूल प्रबंधन जब बच्चों के अभिभावक से शिकायत करता है तो अभिभावक इसे गंभीरता से नहीं लेते. वैसे साइबर अपराध तो अब हर एक प्रदेश और कहे तो पूरे देश के लिए समस्या बन गया है.
सरकारी स्कूल के 325 बच्चों के साइबर अपराध में शामिल होने के संदेह से शिक्षा विभाग रेस
जामताड़ा को तो साइबर अपराध की जननी कहा जाता है.ईजी गोइंग मनी के चक्कर में देखा देखी साइबर अपराध में स्कूली बच्चों के शामिल होने का संदेह खतरे की घंटी है. करमाटांड़ के एक सरकारी स्कूल के 325 बच्चों के साइबर अपराध में शामिल होने के संदेह से शिक्षा विभाग रेस हुआ है. कुछ दिनों पहले केरल की पुलिस ने जामताड़ा शिक्षा विभाग से संपर्क कर जानकारी दी थी कि साइबर ठगी में गिरफ्तार छात्र ने ठगी की घटना के समय स्कूल में बनी हाजिरी के आधार पर जमानत लेने की कोशिश की है.इसके बाद तो शिक्षा विभाग के हाथ पैर फूलने लगे. शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार स्कूल के इंतजाम की मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
स्कूल में तीन बार हाजिरी ली जा रही है
वहीं छात्रों को जागरूक किया जा रहा है. स्कूल में तीन बार हाजिरी ली जा रही है. स्कूल में प्रार्थना के बाद छात्र क्लास में जाते हैं ,इसके बाद क्लास टीचर उपस्थित छात्रों की हाजिरी लेते हैं. फिर टिफिन के बाद दोबारा हाजिरी ली जाती है. स्कूल में छुट्टी होने से पहले तीसरी बार छात्रों का अटेंडेंस लिया जाता है. सोच यह है कि स्कूल के दौरान छात्र भाग कर साइबर अपराध नहीं कर सके. आश्चर्य तो तब होता है कि शक दायरे में जो बच्चे हैं, वह नवमी, दसवीं और 12वीं के छात्र हैं.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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