दुमका(DUMKA): सावन का पावन महीना शिव उपासना के लिए सर्वोत्तम महीना माना जाता है. सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है. मान्यता है कि सोमवार को शिवलिंग पर जलार्पण से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. सावन के महीने में दुमका के बासुकीनाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला लगता है. सावन की चौथी सोमवारी के मौके पर दुमका के बासुकीनाथ मंदिर में जलार्पण के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सरकारी पूजा के बाद बाबा का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. देर रात से ही श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण के लिए कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. प्रशासनिक स्तर पर भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अर्घा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गई है.
इन दो द्वारों से फौजीदारी बाबा धाम पहुंचते है श्रद्धालु
बासुकीनाथ स्थित फौजदारी बाबा पर जलार्पण के लिए 2 मार्ग से श्रद्धालु पहुंचते हैं. बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल भर कर कांवरिया पहले देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करते हैं. उसके बाद बासुकीनाथ पहुंच कर फौजदारी बाबा पर जल अर्पित करते है. इसके अलावे रविवार को भागलपुर के बरारी गंगा घाट से काफी संख्या में शिव भक्त जल उठाते हैं जो डाक बम के रूप में सोमवार की सुबह बासुकीनाथ धाम पहुंच कर जलार्पण करते हैं.
प्रशासन की पैनी नजर में हो रहा है जलार्पण
श्रावणी मेला को लेकर जिला प्रशासन का यह प्रयास रहता है कि देश विदेश से आनेवाले श्रद्धालुओं को सुलभ जलार्पण कराया जा सके. इसके लिए महीनों पूर्व तैयारी शुरू हो जाता है. बैठकों का कई दौर चलता है. तमाम विभागों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है.इस वर्ष की प्रसासनिक व्यवस्था से यहां आनेवाले श्रद्धालु काफी खुश नजर आ रहे हैं.मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दंडाधिकारी के साथ सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गई. सीसीटीवी के सहारे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है.
रिपोर्ट-पंचम झा
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