देवघर(DEOGHAR):देवघर में कल यानी मंगलवार की देर शाम को नगर थाना क्षेत्र में दो जगह गोलीबारी की घटना हुई. पहली गोलीबारी खोरादह मोहल्ला में जबकि दूसरा झौसा गढ़ी में हुई. एक में जमीन विवाद में अधेड़ को गोली मारी गई है, वहीं दूसरी में कार पर फायरिंग की गई है. दोनो कांड में महज कुछ ही घंटे का ही अंतर है. गोलीबारी की घटना घटने से कयास लगाया जा रहा है कि बाबा नगरी में एक बार फिर से अपराध का ग्राफ बढ़ने वाला है.
दूध दुहते वक़्त मारी गई गोली
नगर थाना के खोरादह में मंगलवार की देर शाम करीब साढ़े आठ बजे जमीन विवाद की वजह से दूध दुहते वक़्त कुछ लोगो ने सीताराम को कंधे में सटाकर गोली मार दी गयी. फिर अपराधी ने अंधेरा का फायदा उठाते हुए फरार हो गए. गोली की आवाज़ सुन परिजन सीताराम के पास आये और उसे उठाकर इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए, मौजूद चिकित्सक ने तुरंत इलाज प्रारंभ किया, गनीमत रही कि सीताराम को मारी गई गोली उसके कंधे से आरपार हो गयी. फिलहाल सीताराम खतरे से बाहर है. पुलिस को सूचना मिलने पर नगर थाना के प्रभारी थानेदार सहित इंस्पेक्टर घटना स्थल से लेकर सदर अस्पताल का जायजा लिया. घायल सीताराम ने पुलिस के समक्ष कई लोगो का नाम बताया है, फिलहाल पुलिस नामजद की तलाश कर रही है.
बाबा नगरी में बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ!
दूसरी गोलीबारी की घटना भी नगर थाना में घटी है,मंगलवार की रात करीब ग्यारह बजे झौसा गढ़ी में एक मकान को टारगेट कर अंधा-धुंध फायरिंग की गई, इस फाइरिंग में मकान के आगे खड़ी कार क्षतिग्रस्त हो गई,कार पर 3 से अधिक गोली लगी है. इस घटना की खबर सुनकर सदर एसडीपीओ पवन कुमार दल बल के साथ घटनास्थल पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी. घटनास्थल से खोखा भी पुलिस को बरामद हुआ है,सीसीटीवी के आधार पर इस गोलीबारी में पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है. एक ही रात दो जगह हुई गोलीबारी की घटना पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है.
आखिर क्यों नही नगर थानेदार की हो रही पोस्टिंग
बाबा नगरी होने की वजह से नगर थाना की जिम्मेदारी बहुत बड़ी हो जाती है, पिछले कुछ दिनों से ये थाना प्रभारी के भरोसे चल रहा है. अभी हाल ही नगर थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह का ट्रांसफर एसीबी में हो जाने के बाद नगर थाने की जिम्मेवारी प्रभारी थानेदार एसआई रविन्द्र कुमार के कंधे पर है. किसी भी थाना प्रभारी के पद का भी किसी के प्रभार में होता है, तो उस थाना क्षेत्र में अपराध बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है. अपराधी भी सोचते है की जब थाना प्रभारी है ही नहीं तो डर कैसा. नगर थाना प्रभारी का पदस्थापन नहीं होना लोगों के मन मे कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में किसी प्रभारी के भरोसे महत्वपूर्ण थाना की जिम्मेदारी से आपराधिक घटनाओं में इजाफा होने से इंकार नहीं किया जा सकता.अब देखना होगा कि पुलिस कप्तान कब नगर थाना में थानेदार की पोस्टिंग करते हैं.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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