आईआईटी आईएसएम की गिरी चहारदीवारी के बनाने पर क्यों हुआ विवाद, जानियेआजसू का कनेक्शन


धनबाद(DHANBAD): स्थानीय पीके राय कॉलेज के प्रांगण में आईआईटी आईएसएम की गिरी हुई चहारदीवारी निर्माण करने आए मजदूरों को आज रोक दिया गया और सर्विस लाइन छोड़ कर दीवार उठाने की मांग आजसू छात्र संघ ने की. इस संबंध में आजसू छात्र संघ के यूनिवर्सिटी अध्यक्ष विशाल महतो ने कहा कि गिरी पीके रॉय मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा 1957 में इस महाविद्यालय की नींव रखी गई. जिसमें ट्रस्ट ने 5 लाख रुपये नकद राशि एवं 11 एकड़ निबंधित डीड के माध्यम से महाविद्यालय के नाम जमी की गई. जमीन की प्रवृत्ति इस प्रकार थी - A. थाना - धनबाद, परगना - झरिया, मोजा - 08 सरायढेला, Khewat - 01, खतियान संख्या - 196, प्लाट संख्या - 4339, रकवा - 9.32 एकड़, खतियान संख्या - 105, मौजा - 06 धैया, Khewat - 1, प्लाट संख्या - 1975, रकवा - 1.72 एकड़ DGMS के द्वारा 1960 के दशक में 9.32 एकड़ जमीन को परती जमीन कहकर ISM को दे दिया गया.
निवर्तमान प्राचार्य के द्वारा पत्राचार भी किया गया किन्तु कुछ कारणों से सफलता नही मिल पाई ओर IIT ISM के द्वारा सरकार से अधिग्रहण कराकर चाहरदीवारी कर दिया गया. उसी चाहरदीवारी के कारण महाविद्यालय के मुख्य द्वार से मात्र 13 से 14 फ़ीट ही संकीर्ण रास्ता बचा. इस महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओ की संख्या लगभग 11 हजार है और प्रतिदिन 2 से 3 हजार छात्रों की संख्या की आवागमन लगी रहती है. ऐसे में कही कोई आगजनी जैसी अप्रिय घटना घटित होने से दमकल का भी प्रवेश संभव नही है. इस रास्ते के संकीर्ण होने से बहुत सारे कोर्सेज के मानक में होने भी बाधित हो रही है. साथ ही इतनी बड़ी संख्या में छात्रों की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है.
प्रत्येक वर्ष बरसात में यह चाहरदीवारी गिर जाने से आते - जाते छात्र बाल-बाल बच जाते है. IIT ISM प्रबंधन के द्वारा इस बार भी महाविद्यालय प्रांगण की ओर गिरी हुई दीवार पर नई दीवार खड़ी करने का काम शुरू किया गया है. कॉरपोरेट क्षेत्र में निर्धारित यमानुसार सर्विस लाइन से कुछ फ़ीट छोड़कर दीवार आदि बनाये जाते है ताकि उस निर्मित भवन या चाहरदीवारी का समय - समय पर मरम्मत हो सके.इस कार्यक्रम में विवेक महतो, विकाश कुमार, जैनुल अंसारी, आकाश महतो, दिनेश दास , गौतम धीबर, विक्की कुमार, सचिन दास, अभिषेक , रोहित, राहुल कुमार, बबलू, आदित्य महतो आदि शामिल थे.
रिपोर्ट : प्रकाश
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