UPA विधायकों के बाहर भेजे जाने की खबर को राजेश ठाकुर के बयान ने दी हवा


रांची (RANCHI): झारखंड में सियासत पल-पल अंगड़ाई ले रही है. जबसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाने की खबर सूत्रों के हवाले से पता चली है. भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे के लगातार ट्वीट पोस्ट ने इसे और हवा दी है. एक ओर मुख्यमंत्री के आवास पर सुबह-शाम यूपीए विधायकों की बैठक हो रही है.
सुबह सीएम आवास जब बैठक के लिए सभी विधायकों ने पहुंचना शुरू किया तो कुछ के वाहन से सामान भरे हुए बैग मिले, जिसने इस खबर को बल दिया कि विधायकों को बाहर भेजा जा रहा है. क्योंकि निशिकांत पहले भी बता चुके हैं कि विधायकों को छततीसगढ़ भेजा जा रहा है.
हालांकि झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झारखंड के विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने की बात पूरी तरह अफवाह है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने यूपीए की बैठक के बीच बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वे लोग बैग-बैगेज के साथ आये हैं. स्थिति का आकलन कर रहे हैं. जरूरत पड़ेगी, तो यूपीए के विधायक झारखंड से बाहर जा सकते हैं.
क्या है खनन लीज मामला
हेमंत सोरेन पर आरोप है उन्होंने रांची के अनगड़ा मौजा में अपने और अपने रिश्तेदार के नाम खनन लीज पट्टा हासिल किया है. जब ऐसा किया गया, तब वो न सिर्फ मुख्यमंत्री के पद रहे बल्कि खनन मंत्रालय भी उनके ही अधीन है. इसे पद का दुरुपयोग का मामला कहा जाता है. मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ऐसा करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9(A) के तहत गंभीर मामला है. इसके बाद राज्यपाल ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग की राय मांगी थी. गुरुवार को चुनाव आयोग ने रिपोर्ट राजभवन भेज दी है. लिफाफा देखकर तहरीर भांपने वाले तब से कह रहे हैं कि आयोग ने राज्यपाल को सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.
4+