धनबाद(DHANBAD): आज ही के दिन 6 साल पहले 2017 में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या कर दी गई थी. धनबाद में हत्या तो सकलदेव बाबू, विनोद सिंह और सुरेश सिंह जैसे ताकतवर लोगो की भी पहले की गई थी, लेकिन इतनी गोलियां नहीं चली थी, जितनी गोलियां नीरज सिंह सहित चार लोगों को मारने में चली. धनबाद के लोगों के रोंगटे आज भी उस दृश्य को याद कर खड़े हो जाते हैं. सराय ढेला क्षेत्र में जब गोलियां चलने लगी तो लोगों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर जान बचाने की कोशिश करने लगे. 21 मार्च 2017 को नीरज सिंह की हत्या सरायढेला थाना क्षेत्र में शाम को कर दी गई थी, जब वह अपने निवास रघुकुल की ओर जा रहे थे. बहुत योजनाबद्ध ढंग से यह हत्या की गई थी. ब्रेकर पर जैसे ही उनकी गाड़ी धीमी हुई, घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में नीरज सिंह सहित उनके चालक घलटू महतो, अशोक यादव, प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की मौत हो गई थी. फिलहाल इस मामले में नीरज सिंह के चचेरे भाई पूर्व विधायक संजीव सिंह सहित एक दर्जन लोग जेल में बंद है. इस मामले में सिर्फ एक आदमी की जमानत हुई है. जिसकी जमानत हुई है उसका नाम धर्मेंद्र सिंह उर्फ रिंकू बताया जाता है.
हत्याकांड फुलप्रूफ योजना के साथ की गई थी
नीरज सिंह हत्या के बाद जेल गए आरोपियों के स्वीकारोक्ति बयान में संतोष सिंह का नाम प्रमुखता से आया था. दावा किया गया था कि शूटर को धनबाद बुलाने के आरोपी पंकज सिंह से संतोष का सीधा कनेक्शन था. संतोष ने ही गोली मारने वालो को में हथियार दिया था. शूटरों को कुसुम बिहार में ठहराने वाले मृत्युंजय गिरी उर्फ बबलू मिश्रा से भी संतोष के संपर्क होने की बात कही गई. लेकिन 6 साल बाद भी पुलिस संतोष को नहीं खोज पाई. उसे पकड़ना तो दूर, पुलिस अभी पता नहीं लगा पाई कि संतोष का असली नाम क्या है. दिल्ली से आए कथित शूटर सोनू का भी सत्यापन नहीं हो पाया है. यह हत्याकांड फुलप्रूफ योजना के साथ की गई थी .
सिंह मेनशन और रघुकुल के बीच बढ़ी दुश्मनी
आरोप के मुताबिक गोली मारने वालों को कुसुम बिहार के एक घर में ठहराया गया था और वहीं से निकलकर वह इस घटना को अंजाम दिए. इस हत्याकांड में कोयलांचल की राजनीति की दिशा और दशा बदल दी. वैसे तो पहले से ही सिंह मेनशन और रघुकुल में मनमुटाव चल रहा था. लेकिन इस हत्याकांड के बाद यह मनमुटाव दुश्मनी में बदल गया. वैसे 2014 में भी संजीव सिंह और नीरज सिंह झरिया विधानसभा चुनाव में आमने-सामने थे. लेकिन भाजपा के टिकट पर संजीव सिंह ने बाजी मार ली थी. 2019 के चुनाव में स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी तो भाजपा से संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह चुनाव मैदान में थी. लेकिन जीत पूर्णिमा नीरज सिंह को मिली. उसके बाद भी विवाद किन्ही न किन्ही कारणों को लेकर बढ़ता रहा. सूर्य देव बाबू द्वारा गठित जनता मजदूर संघ में भी विवाद हुआ. हालांकि नीरज सिंह हत्याकांड के पहले से ही दो गुट बन गए थे. एक गुट का नाम दिया गया था कुंती गुट तो दूसरा था बच्चा गुट.यूनियन को लेकर भी विवाद चलता रहता है.
नीरज सिंह के छठी बरसी पर आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
इधर, विनोद सिंह हत्याकांड में सिंह मेंशन के राम धीर सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, तो उनके पुत्र शशि सिंह कांग्रेस नेता और कोयला किंग कहे जाने वाले सुरेश सिंह हत्याकांड के बाद से ही धनबाद से फरार हैं. इस हत्याकांड में शशि सिंह आरोपी हैं लेकिन पुलिस उन्हें आज तक नहीं ढूंढ पाई है. नीरज सिंह के छठी बरसी पर आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
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