गुमला(GUMLA):गुमला में इन दिनों मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होनेवाले छात्रों के परीक्षा को लेकर मन मे बनने वाले तनाव को कम करने के लिए विशेष रूप से पहल की जा रही है. जिसको लेकर छात्रों के साथ ही शिक्षकों में काफी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में होनेवाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर तैयारी चल रही है.जिसको लेकर स्कूल प्रबंधन के साथ ही छात्रों द्वारा बेहतर परिणाम का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में विभिन्न स्कूलों में बच्चों के मोटिवेशन के लिए जीवन मे सफल लोगों को बच्चों के बीच बुलाया जा रहा है.इसी क्रम में 10वीं की परीक्षा देनेवाले बच्चों का एक विदाई समारोह आयोजित किया गया,जिसमे जिला के डीएफओ अहमद बेलाल अनवर के साथ ही भूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी आशीष प्रताप शामिल हुए.
सरकारी ऑफिसर कर रहे स्कूली बच्चों को मोटिनेट
इन दोनो पदाधिकारियो को इसलिए बुलाया गया क्योंकि दोनों एक युवा पदाधिकारी है, जो कड़ी मेहनत कर आज सफलता के मुकाम पर पहुंचे है.इस कार्यक्रम में आये डीएफओ अहमद बेलाल अनवर ने कई ऐसी बातों को बच्चों को बताया जो उन्हें एक सफलता को पाने में बहुत सहयोगी साबित होगा,वही उन्होंने कहा कि जीवन मे कभी भी किसी परिस्तिथि में निराश ना हो हर विपरीत परिस्तिथि को भी अपने लिए एक अवसर बनाकर आगे बढ़ते जाए,डीएफओ ने कहा कि जीवन मे सफलता केवल किसी पद पर पहुंचने से नहीं होती है आप एक अच्छे इंसान बने वहीं सफलता है. 10वीं की परीक्षा के लिए कुछ समय है, लेकिन आप उसका पूरा उपयोग करें तो अच्छा परिणाम स्वाभाविक है.
पढ़ें भूमि संरक्षण विभाग के एसडीओ आशीष प्रताप ने बच्चों से क्या कहा
वहीं बीटेक की पढ़ाई करने के बाद लम्बे संघर्ष के बाद जिला में भूमि संरक्षण विभाग में एसडीओ के पद पर काम कर रहे आशीष प्रताप ने कहा कि जीवन मे आज लोग किसी के प्रभाव में आकर कुछ बनना चाहते है, जबकि आपको हमेशा अपने स्वभाव के अनुरूप जीवन मे उस मुकाम को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, वही इस तरह के कार्यक्रम को लेकर छात्रों के साथ ही स्कूल के शिक्षकों में भी काफी उत्साह का माहौल देखने को मिला,जहां छात्रों ने कहा कि आज कई लोग उनके बीच आकर जिस आसान शब्दो मे अपनी बातों को रखा उससे ना केवल उनका तनाव कम हुआ उन्हें सफलता का मंत्र भी मिला.वही शिक्षकों ने कहा कि परीक्षा को लेकर स्वाभाविक तनाव बनता है लेकिन इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने से बच्चे तनाव मुक्त होकर बेहतर परिणाम लाने के रास्ते पर चल सकते है.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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