धनबाद(DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में हाउस रेंट को लेकर एक नया और बड़ा अपडेट सामने आया है. जानकारी के अनुसार कंपनी ने अधिकारियों के आवास भत्ता नियम "2010 में बड़ा बदलाव किया है. इस बदलाव के अनुसार अगर पति-पत्नी एक ही कंपनी में काम करते हैं, और एक ही शहर में पदस्थापित है. साथ ही निजी या किराए के मकान में रहते हैं, तो दोनों को अलग-अलग हाउस रेंट मिल सकता है. पहले कोल इंडिया के किसी कंपनी में 8 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले पति-पत्नी में से एक को ही हाउस रेंट देने का प्रावधान था. कोल इंडिया बोर्ड ने फैसला लिया है कि न्यायिक रूप से अलग होने की स्थिति में भी पति-पत्नी को अलग-अलग आवास भत्ता मिल सकेगा. अगर दो अधिकारी आपस में शादी कर लेते हैं, तो दोनों को आवास भत्ता मिल सकता है.
अगर शादी के पहले दोनों को घर आवंटित थे, तो एक को शादी के एक माह के अंदर घर सरेंडर करना होगा. ऐसे में एक अधिकारी पति या पत्नी घर के लिए पात्र होंगे, तो दूसरे को हाउस रेंट मिल सकता है. इधर, एक अन्य सूचना यह आ रही है कि कंपनी कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट के नाम पर आश्रित को नौकरी देने की व्यवस्था परअघोषित रोक लगा दी है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि 2018 के बाद किसी भी कर्मी के आश्रित को इस व्यवस्था से नौकरी नहीं मिली है. आंकड़ों के अनुसार 2018 के बाद किसी के भी आश्रित को मेडिकल अनफिट के आधार पर नियोजन नहीं मिला है. नियम कहता है कि बीमार कोयलाकर्मी को फिट होने तक 50% सैलरी का भुगतान होता रहेगा. या फिर मेडिकल अनफिट होने पर उसके आश्रित को नौकरी दी जाएगी. यह मामला अप्रत्यक्ष रूप से संसद में भी उठा है.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कोयला मंत्रालय ने कहा है कि 2018 से किसी भी कोयलाकर्मी को मेडिकल अनफिट नहीं किया गया है. मतलब है कि 6 साल में कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी इकाईयों में एक भी कर्मी मेडिकल अनफिट नहीं हुए है. इधर, कोयला मंत्रालय के इस जवाब पर यूनियन नेताओं का कहना है कि कोल इंडिया में 2018 से मेडिकल अनफिट के आधार पर आश्रित को नौकरी पर अघोषित रूप से पाबंदी लगा दी गई है. अब किसी कोयलाकर्मी को मेडिकली अनफिट किया ही नहीं जाता है. 2018 के पहले गंभीर रूप से बीमार कोयलाकर्मी खुद को मेडिकल अनफिट कराकर अपने आश्रित को नौकरी देते थे. काफी संख्या में ऐसे कोयलाकर्मी नौकरी कर भी रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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