रांची (RANCHI): पिछले कई दिनों से ईडी और सरकार के बीच चल रहे रस्साकस्सी के बीच आखिरकर हेमंत सोरेन ने अपनी संपत्ति का ब्योरा ईडी को सौंप ही दिया. मालूम हो कि सीएम हेमंत लगातार ईडी के निशाने पर है और ईडी के सामने बीते 17 नवंबर को पेश भी हो चुके हैं. साहबगंज से शुरू हुआ ये मामला सीएम को ईडी की टेबल तक खींच लाया. अवैध खनन मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई एक एक कर सफेद पोषों के असली कलंकित चेहरे बाहर आने लगे जिनमें आईएएस अधिकारी समेत साहेबगंज पुलिस मकहमा की भी संलिप्तता उजागर हो गई. इस पूरे खेल में एक ओर जहां अवैध खनन से झारखंड की प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर सभी नियमों कायदे कानून की धड़ल्ले से धज्जियां भी उड़ाई जा रही थी. सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनधि पंकज मिश्रा अपने सीएम के खासमखास होने का भरपूर फायदा उठा रहे थे या शायद फायदा पहुंचा भी रहे थे. लेकन इस पूरे खेल का पटाक्षेप सम्भू नंदन की उस शिकायत के खुलने से हो गया जिसमें उन्हें टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से रोक गया था वो भी हेमंत के मंत्री आलम गीर आलम के मोबाइल से, बता दें न सिर्फ रोका गया बल्कि उन्हें बाकायदा धमकी भी दी गई थी और टेंडर भरने के दौरान उसने साथ मारपीट भी की गई थी. इस मामले के उठने के बाद ईडी ने तफ़तीश शुरू की और इस तफतीश की गाड़ी एक एक कर झारखंड के रसूकदार आरोपियों के चौखट तक पहुँचती चली गई. बता दें इसी तफतीश में अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने तलब कर के पूछताछ के लिए बुलाया था और फिर सीएम ने ईडी के मांगे जाने पर अपनी संपत्ति का ब्योरा उन्हे सौंप दिया है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये वही ब्योरा है जिसे हेमंत ने 2019 के चुनाव के दौरान हलफनामे मे दिया था.
ईडी ने मांगी थी संपत्ति की जानकारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी ने पूछताछ के बाद संपत्ति का ब्यौरा मांगा था. मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 17 नवंबर को लगभग 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ चली थी. ई़डी ने इस पूछताछ में पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी. ईडी ने हेमंत सोरेन से संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका जवाब देने में थोड़ा वक्त लग गया. हालांकि इस सूची में क्या-क्या है इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आयी है लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इसमें वहीं सारी जानकारी और संपत्तियों का जिक्र है जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चुनावी हलफनामे में दिया था.
अब तक बड़े बड़े नाम आ चुके हैं ईडी की रडार पर
बता दें ईडी पहले ही सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को 19 जुलाई, बच्चू यादव को 4 अगस्त और प्रेम प्रकाश को इस साल 25 अगस्त को गिरफ्तार कर चुकी है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि पंकज मिश्रा अपने सहयोगियों के माध्यम से सोरेन विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन कारोबार को "नियंत्रित" करते थे. 19 जुलाई को गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर पर 8 जुलाई को छापेमारी के दौरान ईडी को सीएम हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ा चेक बुक मिलने की सूचना है. ईडी के पास कई और ऐसे सबूत हैं जिसके संबंध में मुख्यमंत्री से सवाल किए जाने हैं. ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जिक्र किया है कि 2 ब्लैंक चेक पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी थे. प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद भी कई खुलासे हुए हैं.
1000 करोड़ रुपए से अधिक अवैध खनन का दावा
अब तक, ईडी ने इस मामले में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन से संबंधित पीओसी की पहचान की है. मामले में ईडी द्वारा की गई जांच के दौरान, कई तारीखों पर पूरे भारत में 47 स्थानों पर तलाशी ली गई. जिसके परिणामस्वरूप 5.34 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई, बैंक की शेष राशि को फ्रीज कर दिया गया. 13.32 करोड़, एक अंतर्देशीय पोत एमवी इंफ्रालिंक - III की पंजीकरण संख्या - डब्ल्यूबी 1809, 5 स्टोन क्रशर, दो हाइवा ट्रक, दो एके -47 असॉल्ट राइफलों के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की जब्ती की गयी.
आगे कार्रवाई में तेजी लाएगी ईडी!
पिछले कई महीनों से झारखंड में सियासी उठापटक जारी है. ईडी की जांच मे जहां अधिकारी से मंत्री तक नप गए हैं वहीं अब सीएम द्वारा अपनी संपत्ति का ब्योरा सौंपे जाने से कयास है कि ईडी की जांच की गति और तेज होगी. हालांकि पूर्व में संपत्ति का ब्योरा मांगने पर सीएम ने इसे निजी बताते हुए इनकार कर दिया था. लेकिन ईडी अपना दबाव सरकार और अधिकारियों पर बनाई हुई है . इसी बीच हेमंत सोरेन ने भी रिट दायर कर ईडी के क्रियाकलापों पर सवाल खड़ा किया था. बहरहाल सीएम ने ईडी के मांगे जाने पर अपनी संपत्ति का ब्योरा उन्हें सौंप दिया है.
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