जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): लौहनगरी जमशेदपुर क्लीन सिटी और ग्रीन सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन इन दिनों सरकारी उदासीन रवैये की वजह से इस पर सवाल खड़े हो रहे है. स्वर्णरेखा नदी घाट और खरकई दोमुहानी घाट की स्थिति देखकर आप भी हैरान हो जायेंगे कि क्या वाकई यह जमशेदपुर है.
दोनों ही नदी घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है
आपको बताये कि जमशेदपुर को मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन जो स्थिति इन दोनों नदियों की हुई है इसको देखकर आपको भी शर्म आएगी.स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होते है, लेकिन दोनों ही नदी घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसको देख कर आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर इतने खर्च के बावजूद साफ सफाई में कोताही बरतने की वजह क्या है.
गदंगी के अंबार से साफ तौर पर सरकारी विभाग की लापरवाही दिख रही है
इस गदंगी के अंबार से साफ तौर पर सरकारी विभाग की लापरवाही दिख रही है.पर्व त्योहार बीतने के बाद अब तक साफ सफाई का काम विभाग की ओर से नहीं करवाया जा रहा है. जिससे स्वर्णरेखा और खरकई नदी दयनीय हालत हो गई है.वहीं आपको बता दें कि इस नदी के पानी से आस पास गांव के लोग अपने दिनचर्या का काम भी करते है, लेकिन गंदगी के कारण लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.अब देखना यह है कि अब इन दोनों नदियों की साफ सफाई कब तक हो पाती है.जिस जेएनएसी को इसकी जिम्मेदारी है, वह कब तक जागेगा और नदियों की साफ सफाई का काम पूरा करता है.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
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