रांची(RANCHI): झारखंड में पंचायत सचिवालय स्वयं संघ के द्वारा वेतन मांग और स्थायीकरण की मांग को लेकर आज रांची के मोरहाबादी मैदान में संघ के लोगों को एकत्रित होना था. जिसके बाद संघ के लोगों द्वारा राजभवन जा कर प्रदर्शन करना था. लेकिन इस बीच ऐसा क्या हुआ जिससे पुलिस को प्रदर्शनकारियों के बीच करना पड़ा लाठी चार्ज?
आखिर क्यों प्रदर्शनकारी हुए गिरफ्तार?
बता दें कि राजभवन में सभी पंचायत संघ के लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन करना था. लेकिन इसी बीच तमाम प्रदर्शनकारियों की मांग उठी कि उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलना है और वे सभी सीएम आवास की ओर कूच करने लगे. इसी बीच सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें जब रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग तोड़ा गया. देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों का तनाव इतना बढ़ गया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के ऊपर लाठी चार्ज शुरू कर दी. इस प्रदर्शन में सैकड़ो प्रदर्शनकारियों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट
इस बीच बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि ये चोर उचक्के नहीं बल्कि झारखंड के पंचायत सेवक हैं. पिछले कई दिनों से मोरहाबादी मैदान में अपनी पांचसूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. सरकार ने नहीं सुनी तो आज शांतिपूर्ण तरीक़े से राजभवन मार्च कर रहे थे. इन्हें रोकने के लिए हेमंत सरकार की पुलिस ने लाठी से निर्मम पिटाई कर दी.
क्या है पंचायत सेवक संघ की मांग
बता दें कि पंचायत सेवक संघ की नियुक्ति 6 साल पहले पूर्व सीएम रघुवर दास के समय विभागीय स्तर पर हुई थी. पुलिस वेरिफिकेशन के आधार पर चयनित लोगों की बहाली की गई थी. साथ ही 15 विभाग से पंचायत की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए स्वयंसेवकों को जोड़ा गया था. लेकिन हेमंत सरकार में स्वयं सेवकों की अनदेखी हो रही थी. घेराव के जरिए स्वयं सेवकों को मानदेय देने, सेवा को स्थाई करने और पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ का नाम हटाकर पंचायत सहायक करने की मांग की गई थी.
रिपोर्ट: आदित्य सिंह/ समीर हुसैन
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