धनबाद की बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था देख जब हैरत में पड़ गए सिविल सर्जन


धनबाद(DHANBAD)- धनबाद में 28,46,954 लोग 2,886 वर्ग किलोमीटर में रहते है. अगर उनकी चिकित्सा की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक जिला अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,148 स्वास्थ्य केंद्र तथा 28 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र संचालित है. लेकिन यह सब किस हालत में है, वहां मरीज आते भी हैं कि नहीं, बिल्डिंग है भी कि नहीं ,चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति है कि भी नहीं ,जहां पर प्रतिनियुक्ति है वहां पर रेगुलर डॉक्टर जाते हैं कि नहीं, यह सारे ऐसे प्रश्न है जिसकी जांच जरूरी है.
मरीज को छोड़ जन्मदिन मना रहे थे डॉक्टर
रविवार की देर रात धनबाद के सिविल सर्जन जब टुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो यहां की व्यवस्था ,लापरवाही देखकर हैरत में पड़ गए. आप को बता दें कि धनबाद में सरकारी चिकित्सा व्यवस्था का हाल बुरा है. जब सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एस एन एम एम सी एच की ही हालत ठीक नहीं है तो सीएससी और पीएचसी का क्या हाल होगा ,इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है. धनबाद के सिविल सर्जन के पद पर डॉ आलोक विश्वकर्मा अभी हाल ही में योगदान किया है. अपने योगदान करने के बाद रविवार की देर रात को वह टुंडी के पीएचसी पहुंच गए, वहां का हाल देख कर उन्होंने माथा पीट लिया. जानकारी के अनुसार नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वहां दो गर्भवती महिलाओं को छोड़कर अपना जन्मदिन मनाने के लिए कहीं बाहर चले गए थे. पूरा अस्पताल आरबीएसके के डॉक्टर और एक एएनएम के हवाले था.
सिविल सर्जन ने खुद किया मरीजों का इलाज
सिविल सर्जन जब वहां पहुंचे तो अचरज में पड़ गए. उन्होंने स्वयं दोनों महिलाओं का नर्स बुलाकर इलाज किया और कहा कि डॉक्टरों के नहीं रहने के मामले की जांच होगी. सिविल सर्जन ने जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि चिकित्सक अपना जन्मदिन मनाने बाहर गए हुए है. ना तो इसकी उन्होंने कोई लिखित सूचना जिला मुख्यालय को दी थी और नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को. इस वजह से कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं हुई थी. इतना ही नहीं, जांच के क्रम में सिविल सर्जन को डॉक्टरों की ड्यूटी का रोस्टर भी नहीं मिला. उन्होंने वहां के कर्मचारियों को काम में सुधार लाने की बात कही. देखना होगा कि आगे भी ऐसी तरह की जाँच होती है या सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही चलता रहेगा.
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