धनबाद: सिविल सर्जन हुए रेस, डॉक्टरों और कर्मचारियों को पढ़ाया कर्तव्य का पाठ


धनबाद(DHANBAD): अभी हाल ही में झारखंड के स्वास्थ्य अपर सचिव धनबाद आए थे. उन्होंने यहां के SNMMCH अस्पताल का निरीक्षण किया था. अस्पताल की अव्यवस्था की तस्वीरें खींची थी और अधिकारियों से सीधा सवाल किया था कि इतनी गड़बड़ी रहने के बावजूद आप लोगों को नींद कैसे आती है. अधिकारियों को कर्तव्यबोध भी कराया. उसके बाद से धनबाद के सिविल सर्जन रेस दिख रहे हैं.
शनिवार को उन्होंने धनबाद के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ बैठक की और उन्हें कर्तव्य का पाठ पढ़ाया. आठ विशेषज्ञ समेत 27 डॉक्टर, 156 चिकित्सीय कर्मचारी के बावजूद ओपीडी में हर दिन मात्र 90 से 100 मरीजों का ही इलाज होता है.
एक सौ बेड का है सदर अस्पताल
इनडोर में मरीजों की स्थिति नहीं के बराबर होती. एक-दो मरीज ही भर्ती होते है. यहां 100 बेड का सदर अस्पताल है. शनिवार को सदर अस्पताल के डॉक्टरों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने जिले के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए डॉक्टरों और कर्मचारियों को उनका कर्तव्य बोध कराया. सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में संतोषजनक तरीके से काम नहीं हो रहा है. डॉक्टर और कर्मचारियों के रहने का मरीजों को पूरा लाभ नहीं मिल रहा.
दवा और उपकरण के लिए मिली है राशि
इसकी स्थिति को बदलने के लिए प्रयास किया जा रहा है, ताकि मरीज यहां आए और इलाज हो. सिविल सर्जन ने बताया कि विभाग को दो करोड़ रुपया का आवंटन मिला है. इसमें 10 लाख रुपया दवा के लिए और 10 लाख उपकरणों के लिए आया है. इस पैसे से जल्द सदर अस्पताल को संसाधन संपन्न करने की दिशा में पहल की जाएगी.
4+