धनबाद(DHANBAD) | अब बहुत जल्द शुरू होगा "सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ" अभियान. झारखंड सरकार बच्चों में जागृति लाने, उन्हें जिम्मेदार बनाने , अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए इस अभियान की शुरुआत करने वाली है. यह अभियान संभवत 2 जनवरी से शुरू हो सकता है. शीतलहर के कारण 31 दिसंबर तक सभी सरकारी स्कूल बंद है. दो से जब स्कूल खुलेंगे, तो हो सकता है इस अभियान की शुरुआत कर दी जाए. फिलहाल सारे इंतजाम के बाद भी झारखंड के सरकारी स्कूल ड्रॉप आउट की समस्या से जूझ रहे है. कोयलांचल के कोलियरी इलाकों में तो यह समस्या अधिक है. वहां माता-पिता के साथ बच्चे कोयला चुनने जाते है. माता-पिता भी बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा प्रेरित नहीं करते. ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए एक से एक उपाय किए गए. अभी भी किए जा रहे है.
ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या बढ़ाने का नया तरीका
सरकार स्कूलों में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है. अब एक नया तरीका निकाला गया है. मोहल्ले में सिटी बजाकर बच्चों को बताया जाएगा कि सरकारी स्कूलों का समय हो गया है. अपने बच्चों को स्कूल भेजे. इस योजना के तहत हर विद्यालय के पोषक क्षेत्र में आने वाले एक बच्चे को सीटी उपलब्ध करानी है. वह बच्चा अपने घर से निकलने के बाद मोहल्ले में सीटी बजाते हुए स्कूल आएगा. जिससे कि बच्चों की टोली भी उसके साथ स्कूल पहुंच सके. मुख्यालय के आदेश पर सभी स्कूलों में "सीटी बजाओ, स्कूल बुलाओ "अभियान की शुरुआत की जानी है. सचिव के जारी निर्देशानुसार अभियान का उद्देश्य स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाना, ड्रॉप आउट के मामले को कम करना है. इस अभियान के तहत स्कूल में बच्चों का एक छोटा समूह भी बनाना है. एक छात्र को मॉनिटर चुनकर उसे सीटी देनी है.
मॉनिटर समय से एक घंटा पहले सीटी बजाएंगे
मॉनिटर द्वारा स्कूल समय से कम से कम एक घंटा पहले अपने निर्धारित क्षेत्र में सीट बजानी है. शीतलहर को देखते हुए 31 दिसंबर तक स्कूलों को बंद किया गया है. 2 जनवरी से स्कूलों का संचालन होना है. इस अभियान की तैयारी का निर्देश शिक्षकों को दे दिया गया है. सरकार के इस अभियान का उद्देश्य ड्रॉप आउट के मामले को कम करना,छात्रों में जिम्मेदारी की भावना बढ़ाना , माता-पिता को जागरूक और जिम्मेदार बनाना है. यह भी जानकारी मिली है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को नए साल में शिक्षक इनोवेशन का पाठ पढ़ाएंगे, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद शिक्षक बच्चों को प्रयोग करने के तरीके बताएंगे, वर्तमान में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने शिक्षकों की दो टीम तैयार की है, जो रांची में प्रशिक्षित होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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