चैती छठ की हर तरफ धूम, आईपीएस और आईएएस भी पूरे अनुष्ठान के साथ कर रहें छठी माईं की आराधना

रांची(RANCHI): महापर्व छठ की महिमा सर्वव्यापक है. छठी मैया की साधना करने वाले भक्त हर कठिनाई को सफलतापूर्वक पार का लेते हैं. कुछ ऐसा ही आशीर्वाद रांची में एक आईपीएस और उनकी आईएएस पत्नी को भी मिला है. हम बात कर रहे हैं डीआईजी सह रांची एसएसपी चन्दन कुमार सिन्हा और उनकी आईएएस पत्नी कंचन सिंह की. एसएसपी चन्दन कुमार सिन्हा की पत्नी आईएएस कंचन सिंह इस बार भी छठ महाव्रत कर रही हैं. चैती छठ इस बार भी इनके परिवार के लिए बहुत विशेष है. क्योंकि, माता की कृपा से पति और पत्नी दोनों को ही प्रमोशन मिला है.
सबके लिए मांगा है आशीर्वाद
महापर्व छठ को साल में दोनों बार करने वाली कंचन सिंह बताती हैं कि छठी मैया की कृपा से ही पूरा परिवार चलता है. खासकर छठी मैया की उनके परिवार पर विशेष कृपा है, जिसकी बदौलत कठिन से कठिन समय में हर विपत्ति को वे लोग पार कर आगे बढ़ते हैं. कंचन सिंह के लिए इस बार का छठ पर्व विशेष रूप से आशीर्वाद लेकर आया है. इसी वर्ष कंचन सिंह को प्रमोशन मिला है जिसके बाद वह आईएएस अधिकारी बन गई हैं. वहीं, कुछ महीने पहले ही उनके पति आईपीएस अधिकारी चंदन कुमार सिन्हा को भी डीआईजी रैंक में प्रमोशन दिया गया है. कंचन सिंह ने बताया कि सब मां की महिमा है.
पूरा परिवार एक साथ
कंचन सिंह बताती हैं कि छठी मैया की महिमा ही इतनी है कि व्रत को लेकर कोई भी एहसास नहीं होता है. सब कुछ उनके कृपा से आसान हो जाता है. कंचन सिंह ने बताया कि पूरे शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के बाद भी उनके पति समय निकालकर छठ पर्व में उनकी मदद कर रहे हैं. उनका परिवार काफी बड़ा है और सभी छठ में सहयोग करने के लिए इस समय रांची में हैं.
वहीं, आईपीएस चंदन सिंह और उनकी पत्नी आईएएस कंचन सिंह का मानना है की मां की कृपा से ही करियर में सब कुछ ठीक हो रहा है. डीआईजी सह रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि छठ का पूरा मैनेजमेंट उनकी पत्नी ही संभालती हैं. थोड़ा बहुत सहयोग वह भी करते हैं, लेकिन यह सही है की मां का पूरा आशीर्वाद उनके परिवार के साथ है.
मां सबसे ज्यादा खुश
महापर्व छठ को लेकर सबसे ज्यादा खुश आईपीएस अधिकारी चंदन सिन्हा की मां और कंचन सिंह की सास हैं. चंदन सिन्हा की मां संयुक्ता प्रसाद ने बताया कि उनकी बहू कई वर्षों से दोनों ही छठ व्रत कर रही हैं. इस बार का छठ व्रत बेहद खास है क्योंकि उनका बेटा डीआईजी बन गया और उनकी बहू आईएएस अधिकारी.
दोनों छठ व्रत करने वाली पहली अधिकारी
कंचन सिंह चैती और कार्तिक दोनों ही छठ करने वाली झारखंड की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं. सुबह से उठकर प्रसाद तैयार करने से लेकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देने तक की तैयारी उनके द्वारा ही की जाती है. चूंकि, चैती छठ बहुत कम जगह पर होता है ऐसे में जिस घर में भी छठ पूजा होती है वहां बड़ी मात्रा में प्रसाद का निर्माण करवाया जाता है ताकि कोई भी श्रद्धालु बिना प्रसाद लिए अपने घर न लौटे.
आपको बता दें कि, तीज के बाद महिलाओं के लिए सबसे कठिन व्रत महापर्व छठ होता है. परिवार और बच्चों के हर संकट दूर हो जाते हैं. बच्चे सदा स्वस्थ रहे इसके लिए माताएं इस कठिन व्रत को करती हैं. महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है. चैती छठ में कम संख्या में छठव्रती भाग लेते हैं, लेकिन कार्तिक मास में होने वाले छठवृतियों की संख्या लाखों में होती है. वैसे तो दोनों ही छठ में व्रत करना काफी कठिन होता है. लेकिन चैत के दिनों में धूप की वजह से यह और कठिन हो जाता है.
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