चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिम सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तुम्बाहाका, सरजोम बुरु और लोवाबेड़ा ग्राम सभा द्वारा जिले के पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त, सचिव विधिक सेवा प्राधिकार और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली को पत्र लिखकर माओवादी का आरोप लगा कर गैर कानूनी तारीके से हिरासत में लिये गए और गिरफ्तार युवाओं पर लगाए गए फर्जी आरोपों को निरस्त कर छोड़ने की मांग की गई है. सौंपे गए पत्र में 80 के करीब ग्रामीणों का संयुक्त हस्ताक्षर है.
ग्रामीणों ने बताया मामला
पत्र में कहा गया कि 3 मार्च 2023 (शुक्रवार) को गांव में मागे पर्व होने वाला है. इसकी तैयारी के लिए गांव के चार ग्रामीण क्रमशः तुम्बाहाका के डुबराज हेम्ब्रम, मंगता हेम्ब्रम, तुम्बे पुरती, पालसिंह 'हेम्ब्रम और पास के गांव सरजोमबुरू से तुरी देवगम और लोवा बेड़ा से चम्पाय हासदा मिलकर 20 फरवरी 2023 को चाईबासा में मांदर बनवाने गए थे. मांदर बनवाने के बाद घर वापस लौटने में रात होने के कारण दिनांक 21 फरवरी 2023 को तुरी देवगम के रिश्तेदार संजय देवगम के गांव वारीपोखरी थाना मुफ्फसिल के घर रुक गए थे. उनके साथ-साथ 4 मांदर और चाईबासा बाजार से खरीदा हुआ बच्चों का कपड़ा था. 22 फरवारी 2023 के सुबह चार बजे पुलिस संजय देवगम के घर पहुंची और इन 6 लोगों को पकड़कर पीटते-पीटते अपने साथ ले गई. फिर अखबार में पुलिस द्वारा कहा गया कि बम लगाने और गाड़ी जलाने वाले 6 नक्सली पकडाये, जिसमें डुवराज हेम्ब्रम, तुरी देवगम, पालसिंह हेम्ब्रम का नाम शामिल है.
पुलिस के आरोप सच्चाई से कोसों दूर
पुलिस के अनुसार, डेटोनेटर और जेलोटीन के साथ पकड़ा गया. ये सारे आरोप सच्चाई से कोसों दूर है. ये भी कहना चाहेंगे मंगता देवगम ग्राम तुम्बाहाका तुम्बे पुरती ग्राम तुम्बाहाका और इसके साथ-साथ दो युवा का कोई अतापता नहीं है. ऐसा लगता है गैर कानूनी तरीके से दोनों को रखा गया है. ग्रामीणों ने पत्र में कहा है कि इन 6 लोगों का किसी अपराधिक हिंसा की घटना में कोई भी भागीदारी नहीं रहा है. ये गांव के आम आदिवासी खेती बारी और लकड़ी बेच कर जीवन यापन करते हैं. ग्रामीणों ने कहा है कि अर्द्धसैनिक बल द्वारा गोला बारी और मोर्टार दागने के कारण दहशत का माहौल है. साथ ही 11 जनवरी 2023 से गांत तुम्बाहाका का प्राथमिक विद्यालय बंद है. ऐसे डर के माहौल में दोनों शिक्षकों ने स्कूल आना बंद कर दिया है. तब से इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चे अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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