चाईबासा: कार्यपालक अभियंता नियमावली से कर रहे खिलवाड़, कुछ खास ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का लग रहा आरोप
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चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिमी सिंहभूम जिला में वर्षो से चल रहें ग्रामीण विकास विभाग स्पेशल डिविजन, और आरसीडी यानी पीडब्लूडी विभाग में रजिस्टेशन कराये संवेदक एक साथ डीएमएफटी फण्ड हो या मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से निकाले गये कार्य को करते है. लेकिन कोल्हान प्रमंडलीय ग्रामीण विकास विभाग स्पेशल डिविजन के नये कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान ने अपने ही विभाग आरसीडी के संवेदक को ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा निकाले गये योजना का लाभ लेने से वंचित कर दिया है, जो कि नियम के विरुद्ध है. कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान नये नियम निकाल कर कुछ बड़े ठेकेदार को सीधे-सीधे लाभ पहूंचाने का कार्य कर रहें हैं.
शुद्धि पत्र निकालने के बाद हुआ खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब स्पेशल डिविजन के द्वारा डीएमएफटी फण्ड से पहले कुछ योजना निकाली गई थी, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग और आरसीडी के सभी संवेदक योजना का लाभ लेने के लिए निविदा भर सकते थे, लेकिन अचानक शुद्धि पत्र निकाल कर आरसीडी विभाग के ठेकेदारों को इस योजना का लाभ लेने से वंचित कर दिया गया. इस कारण कई संवेदक योजना लेने से वंचित हो गए और भविष्य में भी रहेगें. इस मामले को लेकर जिले में विरोध होना शुरू हो गया है.
कार्यपालक अभियंता नियम के विरुद्ध कर रहे काम
इधर, इस मामले को लेकर झामुमो के जिला सचिव सोनाराम देवगम ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान नियम के विरुद्ध कार्य कर रहें है, जबकि वर्षो से दोनो ही विभाग के रजिस्टर्ड संवेदक काम करते आ रहें है और मान्य हैं, लेकिन अचानक नियम बदलना यह संकेत दे रहा है कि कार्यपालक अभियंता कुछ खास बड़े संवेदक को ग्रामीण विकास विभाग के योजना का लाभ पहुंचाना चाहते हैं. श्रीसोना देवगम ने कहा कि इस नियम में संशोधन अविलंब करें, नहीं तो आंदोलन के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी शिकायत करेंगें. पथ निर्माण विभाग में पंजीकृत संवेदक को भी भाग लेने की अनुमति प्रदान करने के लिए कार्यपालक अभियंता को आदेश देनी चाहिए.
मुख्य अभियंता ग्रामीण विभाग को लिखा पत्र
इधर, झारखण्ड भष्टाचार उन्मूलन समिति के प्रदेश अध्यक्ष गणेश प्रसाद ने मुख्य अभियंता ग्रामीण विभाग को पत्र लिख कर कहा कि कार्यपालक अभियंता के इस तरह के मनमाने और नियम विरुद्ध शर्त लागू किया जाना समझ से परे है. ऐसा प्रतीत होता है कि बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर सभी बड़े संवेदक को कार्य आवंटित करने की साजिश की जा रही है. पथ निर्माण विभाग में पंजीकृत संवेदक को भी भाग लेने की अनुमति प्रदान करने के लिए कार्यपालक अभियंता को आदेश देने की अपील की गई है.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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