धनबाद(DHANBAD): बच्चो को भी नहीं छोड़ते ठग. कह सकते है कि कोयलांचल के बौने भी 52 हाथ के होते हैं. हर क्षेत्र में ठग मौजूद है और अपने-अपने ढंग से ठगी कर रहे हैं. धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमबीबीएस में नामांकन के नाम पर ग्वालियर के परिवार से छह लाख की ठगी कर ली गई है. आश्चर्यजनक बात है कि ठगी की रकम नगद पांच लाख इसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग में ली गई. एक लाख की रकम 3 किस्तों में ऑनलाइन हासिल किया गया. तुषार बोनिया नामक भुक्तभोगी छात्र अपनी मां और सेना के सेवानिवृत्त पिता के साथ जब मेडिकल कॉलेज पहुंचा तब जाकर ठगी के पूरे मामले का खुलासा हुआ. ठगे गए लड़के की मां के अनुसार एनआईआईटी में उसके बेटे का रैंक एक लाख के आसपास था. कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए उसके पास कॉल आ रहे थे. इसी क्रम में संदीप नामक व्यक्ति ने कॉल कर धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नामांकन का भरोसा दिलाया और 12 नवंबर को धनबाद बुलाया.
विश्वास जमाने के लिए उसने आधार कार्ड का पिछला हिस्सा भेजा
विश्वास जमाने के लिए उसने आधार कार्ड का पिछला हिस्सा भेजा, जिसमें पिता का नाम सत्येंद्र कुमार और पता गोरखपुर लिखा था. वह लोग झांसे में आ गए, निर्धारित तिथि को पति और बेटे के साथ धनबाद पहुंचे. संदीप नाम बताने वाला युवक उनसे धनबाद स्टेशन पर मिला और ऑटो से लेकर मेडिकल कॉलेज पंहुचा. यहां मेन गेट पर मेडिकल कॉलेज का अधिकारी बताकर 2 लोगों से मिलवाया भी. इसके बाद तीनों को लेकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के मुख्य द्वार से होते हुए विभाग के कमरे में ले गया. वहां पांच लाख रुपए लिए. इसके बाद नामांकन प्रक्रिया पूरी करने का भरोसा देकर वह लोग वहां से चले गए. दोबारा कॉल कर 11 दिसंबर को 50,000 रुपए, 21 दिसंबर को 20,000 रुपए और 30 दिसंबर को ₹30000 मंगवाए. 3 जनवरी को पैसा भेजने के बाद संदीप का मोबाइल स्विच ऑफ आने लगा. उसके बाद वह लोग जानकारी लेने धनबाद पहुंचे. पूरे मामले में अस्पताल के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेहास्पद दिखती है. विभाग के जिस कमरे में ठगी हुई है, उसमें ऑडियोमेट्री मशीन लगी हुई है. इस साउंडप्रूफ कमरे में सुनने की क्षमता की जांच होती है.
यह कमरा सप्ताह में सिर्फ 2 दिन बुधवार और शनिवार को खुलता है
यह कमरा सप्ताह में सिर्फ 2 दिन बुधवार और शनिवार को खुलता है. ठगी करने वालों को इसकी पूरी जानकारी थी, इसलिए 12 नवंबर शनिवार को भुक्तभोगी परिवार को यहां बुलाया और इस कमरे में ले जाकर ठगी कर ली. सूत्रों के अनुसार, नामांकन में ठगी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. 2016 में दिल्ली का एक छात्र ठगी का शिकार हुआ था. फिर 2017 में यूपी के 2 छात्र ठग लिए गए थे. 2019 में चाईबासा के एक छात्र से ठगी हुई थी. 2021 में भी झारखंड के किसी लड़के के साथ ठगी हुई थी और 2022 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर के लड़के से ठगी की गई है. इधर, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों-अभिभावकों से अपील किया है कि दलालों के चक्कर में ना फंसे, एमबीबीएस में नामांकन की प्रक्रिया पारदर्शी है. छात्र के प्रदर्शन के आधार पर ही उनका नामांकन सरकारी मेडिकल कॉलेज में होता है. निजी मेडिकल कॉलेजों में ही मैनेजमेंट कोटा के जरिए पैसे देकर नामांकन संभव है. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा नहीं होता.
रिपोर्ट; सत्यभूषण सिंह, धनबाद
4+