रांची(RANCHI): झारखंड में राजनीतिक सरगमी तेज है.पक्ष और विपक्ष के विधायक नेता एक दूसरे पर सियासी वार कर रहे हैं. अब भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही के हेमंत सोरेन पर दिए गए बयान पर बवाल मच गया. विधायक भानु पर आदिवासी का अपमान करने का आरोप लगा है. इसके बाद गढ़वा जिले के रमाना थाना में एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया.
राजेंद्र उरांव नाम के व्यक्ति ने रमना थाना में लिखित आवेदन देकर भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही पर केस दर्ज कराया है. दिए गए आवेदन में लिखा गया है कि हेमंत सोरेन आदिवासी समाज के एक बड़े नेता है साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हैं.हेमंत सोरेन को आदिवासी समाज के लोग अपना आदर्श मानते हैं. लेकिन एक आदिवासी मुख्यमंत्री का अपमान खुले मंच से किया गया है.
दिए गए आवेदन में कहा गया है कि जानबूझकर हेमंत सोरेन को अपमानित किया गया है. ऐसे में आदिवासी समाज में गुस्सा है. हेमंत सोरेन के प्रति दिए गए बयान सोशल मीडिया और विभिन्न न्यूज़ चैनलों पर चल रहे हैं. जिससे आदिवासी समाज को भड़काने की कोशिश की जा रही है.ऐसे में पुलिस से गुहार लगाई है कि भानु प्रताप शाही पर एससी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए.
भानु प्रताप शाही पर केस दर्ज होने के बाद उन्होंने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसमें भानु प्रताप शाही ने कहा कि हेमंत सोरेन के इशारे पर केस कराया गया है . उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति पद पर होता है तो वह किसी जात का नहीं होता.वह पूरे राज्य और समाज का व्यक्ति होता है.जब कोई विधायक मंत्री या मुख्यमंत्री बनता है तो उसे समय उसकी जाति खत्म हो जाती है. राजनीतिक लड़ाई है और बयान बाजी है.ऐसे में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा करना यह दिखाता है कि हेमंत सोरेन डरे हुए. भानु ने दोबारा से दोहराया कुर्सी से उतरे बिना चैन नहीं लेंगे. सरकार आपकी है पुलिस प्रशासन आपका है.चाहे जितने मुकदमे कर लीजिए जेल में डाल दीजिए चुप नहीं बैठेंगे.
क्या है मामला
बता दे कि रांची के प्रभात तारा मैदान में शनिवार को भाजपा की विस्तृत कमिटी की बैठक आयोजित की गई थी.इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे.इस दौरान सभी नेताओं का सम्बोधन चल रहा था.इस बीच मंच संचालन कर रहे भानु प्रताप शाही ने मंच से कहा "हेमन्त सोरेन को राज्य की गद्दी से गट्टा पकड़ कर उतारने का काम करेंगे" इस बयान के बाद से ही राज्य में बवाल मच गया.
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