रांची (RANCHI) जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल"श्री सम्मेद शिखर जी"मधुबन,पारसनाथ,गिरिडीह (झारखंड) को पर्यटन स्थल से मुक्त कराए जाने एवं "श्री सम्मेद शिखर" को धार्मिक स्थल रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीक़े से सकल जैन समाज के आह्वान पर एक मौन रैली दिनांक सुबह 9:30 बजे जैन मंदिर अपर बाजार से निकलकर जाकिर हुसैन पार्क स्थित राजभवन के समीप पहुंची. बता दें कि इस मौन जुलूस में मारवाड़ी समाज के लोगों ने भी अपना समर्थन दिया. बड़ी संख्या में महिला पुरुष व बच्चे शामिल हुए. पुरुष वर्ग के लिए उजले वस्त्र व महिलाओं के लिए पीले वस्त्र धारण करने का निर्देश दिया गया था. महिला व पुरुष सभी ने एक सुर में कहा कि हमारे पवित्र स्थल को धर्मस्थल ही रहने दिया जाए. हमारे कण-कण में श्री सम्मेद शिखरजी बसते हैं आदि अनंत काल से हमारे कई ऋषि-मुनियों ने वहां मोक्ष प्राप्त किया था. बता दें कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने श्री सम्मेद शिखर पर्वत पर ही मोक्ष प्राप्त किया था इसलिए यह काफी पवित्र माना जाता है, और जब इसे पर्यटन स्थल घोषित किया गया तब से इनका कहना है, की वहां मांस मदिरा का भी सेवन किया जा रहा है. यह धर्मस्थल अपवित्र ना हो इसके लिए हम केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि इसे धर्मस्थल ही रहने दिया जाए. पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाए. बता दें कि श्री सम्मेद शिखर विवाद पूरे देश भर में चल रहा है. बड़ी संख्या में देश की राजधानी दिल्ली में भी 1 जनवरी को जैन धर्मावलंबियों ने जुलूस के माध्यम से प्रदर्शन करने का कार्य किया था.
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