टीएनपी डेस्क: कर्नाटक में डेंगू ने कहर मचा दिया है. कर्नाटक राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 6 महीनों में 7,362 मामले डेंगू के दर्ज किये गए हैं. अब तक राज्य में सात लोगों से ज्यादा की डेंगू से मौत हो चुकी है. ऐसे में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने आज 3 सितंबर को डेंगू को महामारी के रूप में घोषित कर दिया है. साथ ही कर्नाटक सरकार ने राज्य महामारी रोग विनियम 2020 में संशोधन के नियम बनाए हैं. इसके लिए कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने डेंगू महामारी से निपटने के लिए कार्य योजना का ऐलान किया है. उन्होंने अस्पतालों में डेंगू मरीजों को भर्ती करने के लिए प्रत्येक वार्ड में दस बेड रखने का निर्देश दिया है. साथ ही झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों के बीच मच्छरदानियों का वितरण करने का निर्देश दिया है. सीएम ने लोगों से अपील की है कि, अपने आसपास, घरों में, टंकियों में पानी जमा न करके रखें. मच्छरों को पनपने न दें इसके लिए जरूरी उपाय करें.
Government of Karnataka notifies Dengue fever, including severe forms of Dengue fever as an Epidemic Diseases in the state and makes regulations to amend the Karnataka Epidemic Diseases Regulations 2020 pic.twitter.com/OZZRGMqTXP
— ANI (@ANI) September 3, 2024
सरकार लगातार रख रही है स्थिति पर नजर
वहीं, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि, स्थिति को नियंत्रण करने के लिए सभी विभागों को डेंगू के स्त्रोतों को कम करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है. स्वयंसेवकों और आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.
बेंगलुरू में सबसे ज्यादा डेंगू के केस
बता दें कि, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में सबसे ज्यादा डेंगू के केस मिले हैं. वहीं, राज्य में पिछले 24 घंटों में 245 नए मामले सामने आए हैं. जिनमें 1 वर्ष से कम उम्र की शिशु मरीज की संख्या 5 हैं और एक से 18 वर्ष की आयु के मरीजों की संख्या 100 है. 18 से अधिक उम्र वाले मरीजों की संख्या 140 है.
वहीं, कर्नाटक सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, अगर किसी के घर के अंदर या बाहर डेंगू के मच्छर पाए जाते हैं तो Urban Area के लोगों पर 400 रुपए और Rural Area पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. ये जिम्मेदारी बिल्डिंग मालिकों या मकान मालिकों की होगी की उनके आसपास मच्छरों की आबादी न बढ़े और उनके प्रजनन को रोका जाए.
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