रांची (RANCHI) : मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर आलम की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल आज रांची की विशेष कोर्ट में दोनों को पेश करने के बाद ईडी ने इनसे पूछताछ के लिए दोबारा रिमांड मांगी. जिस पर कोर्ट ने दोनों की रिमांड की अवधि और पांच दिनों के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि 6 मई यानी सोमवार की देर रात गिरफ्तार करने के बाद 7 मई को संजीव लाल और जहांगिर को कोर्ट में पेश किया.
6 मई को ईडी ने किया था गिरफ्तार
बताते चले कि 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में आलमगीर आलम के पीएस के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से 35 करोड़ रुपये से अधिक बरामद किया गया था. जिसके बाद संजीव और जहांगीर को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं नोट गिनने के लिए बैंक के अधिकारियों को बुलाया गया था. साथ ही कैस वैन भी जहांगीर के ठिकाने पर लाई गई थी. वहीं जहांगिर की गिरफ्तारी के बाद उसे घर से कई दस्तावेज, मोबाइल फ़ोन और नगद बरामद किया गया था. जिसकी जानकारी जुटाने की कोशिश ईडी के अधिकारी कर रहे है. साथ ही जहांगीर के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच कर उसका डेटा रिकवर करने का काम किया जा रहा है. इसी बीच ईडी ने संजीव लाल को अपने साथ लेकर सचिवालय भी पहुंची थी, जहां करीबन पांच घंटों तक उनके साथ पूछताछ की गई, इस दौरान संजीव लाल के चेंबर से ईडी ने दो लाख की बरामदगी भी हुई थी.
कल ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से होगी पूछताछ
यहां ध्यान रहे कि झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने समान जारी किया है. ईडी ने उन्हें समन जारी कर 14 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है. कुल मिलाकर देखे तो लोकसभा चुनाव के पहले चरण के साथ ही झारखंड में विपक्ष के हाथ एक बड़ा मुद्दा हाथ लगा है. जिसकी कीमत कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है. मंत्री के पीएस के नौकर के घर से 35 करोड़ की बरामदगी आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन चुका है. इस बीच यदि मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी हुआ है, तो कांग्रेस के लिए आम लोगों के बीच अपनी छवि को साफ सुथरा बनाये रखने की चुनौती साफ तौर पर बनती जा रही है. दूसरी ओर भाजपा इस मुद्दों को उछाल कर आम लोगों के बीच भ्रष्टाचार को एक अहम मुद्दा बना सकती है.
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