धनबाद(DHANBAD) : झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को थोड़ी परेशानी हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष के साथ उन्हें बोलेरो में चलना पड़ रहा है. संगठन के कार्यों से जहां भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के साथ जाना पड़ रहा है, तो मंत्री को बड़ी-बड़ी गाड़ियां छोड़कर प्रदेश अध्यक्ष के बोलोरो गाड़ी से ही चलने की मज़बूरी हो गई है. यह कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को दिल से अच्छा तो नहीं लग रहा है, लेकिन मजबूरी में यह सब करना पड़ रहा है. झारखंड प्रदेश के नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश मंत्रियों की बड़ी गाड़ी पर नहीं चढ़ रहे है. चमचमाती गाड़ियां और झक झक खादी, साथ में अपने पक्ष में नारेबाजी करने वालों की फौज रखने वाले धनबाद के कांग्रेसियों को गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने एक नई सीख दे गए. अब देखना दिलचस्प होगा कि उनकी इस सीख का धनबाद के कांग्रेसी कितना पालन करते है या फिर पुराने तरीके से ही चलते है.
कार्यकर्ता उत्साह बनाए रखें, यह चुनाव में काम आएगा
उन्होंने कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि उत्साह बनाए रखें, यह चुनाव में काम आएगा लेकिन धैर्य और अनुशासन बहुत जरूरी है. राजनीति में शॉर्टकट से सफलता नहीं मिलती. कार्यक्रम में व्यक्ति विशेष के समर्थन में जिंदाबाद के नारे लगाए जाने से नाराज प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह सब ठीक नहीं है. जिंदाबाद का नारा ही लगाना है तो कांग्रेस जिंदाबाद, खड़गे जिंदाबाद, सोनिया जिंदाबाद तथा राहुल जिंदाबाद के नारे लगाए. उन्होंने कहा कि नेता अपने को कितना भी बड़ा समझे, लेकिन सच यही है कि पहचान काम से होती है. अपने पक्ष में नारेबाजी करवा लेने से किसी की पहचान नहीं बन सकती. जमीन पर काम करने वाले पार्टी स्तर पर खुद व खुद पहचान बना लेते है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को गांधी परिवार ने अपने खून-पसीने से सींचा है. कांग्रेस का इतिहास देश के लिए बलिदान देने का रहा है. इंदिरा गांधी ने सीने पर गोली खाई, राजीव गांधी को आतंकवादियों ने मार डाला, सोनिया गांधी ने एक झटके में प्रधानमंत्री का पद ठुकरा दिया. धनबाद के कार्यक्रम में एक तो जगह छोटा था, उसके बाद चुनाव का माहौल है. ऐसे में कार्यकर्ता काफी संख्या में लोग सर्कुलर रोड स्थित विवाह भवन पहुंचे थे.
कार्यकर्ता से लेकर नेता तक आपाधापी कर रहे थे
कार्यक्रम में आपाधापी का माहौल दिखा. कार्यकर्ता से लेकर नेता तक आपाधापी कर रहे थे. मंच से बार-बार शांति बनाए रखने के अपील की जा रही थी, लेकिन कोई असर नहीं दिख रहा था. मंच से नेता भाषण देते रहे और सामने कार्यकर्ता अपने-अपने नेता के समर्थन में जिंदाबाद का नारा लगाते रहे. कार्यक्रम में ठेला ठेली के कारण पुराने तथा बुजुर्ग नेता अलग-थलग पड़ गए थे. ऐसे नेता एक स्थान पर कुर्सी पकड़ कर बैठे रहे. कुर्सी छोड़ते ही उस पर कोई दूसरा कब्जा जमा ले रहा था. कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष मंच पर नहीं आये. मंच के सामने रखे सोफा पर ही बैठे रहे. उनसे बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ बैठना चाहता हूं, उनके साथ विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो तथा अन्य नेता बैठे रहे. जलेश्वर महतो तो बुलाने के बावजूद कार्यक्रम में भाषण देने नहीं पहुंचे.
अपने-अपने जिंदाबाद के चक्कर में कांग्रेस जिंदाबाद का नारा भूल गए
झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि अपने-अपने जिंदाबाद के चक्कर में हम कांग्रेस जिंदाबाद का नारा भूल गए है. पार्टी में अनुशासन सबसे जरूरी है. प्रदेश अध्यक्ष से अनुशासन तथा पार्टी के प्रति समर्पण सीखने की जरूरत है. जमीन से जुड़े कार्यकर्ता है. पार्टी ने एक सामान्य कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. उनके नेतृत्व में पार्टी नई ऊंचाई हासिल करेगी. जो भी हो, लेकिन धनबाद के कांग्रेसियों के लिए प्रदेश अध्यक्ष एक लकीर खींच कर गए है. उस लकीर पर धनबाद के कांग्रेसी कितनी दूर तक चलते हैं या नहीं चलते हैं, यह आने वाला वक्त ही बताएगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि प्रदेश अध्यक्ष को कांग्रेस पार्टी की ओर से इनोवा गाड़ी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन वह उस गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर रहे. अपनी बोलोरो गाड़ी से ही धनबाद पहुंचे थे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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