रांची (RANCHI) : कई कारणों से रांची के वर्तमान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री चर्चा में रहे हैं. गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के साथ उनका विवाद काफी चर्चित रहा है. भारतीय जनता पार्टी पूर्व से ही यह आरोप लगाती रही है कि मंजूनाथ भजंत्री एक पार्टी विशेष के लिए कथित रूप से कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. चुनाव कार्य से मुक्त रखा जाना झारखंड विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा झारखंड की राजधानी रांची जिला के उपायुक्त पद पर मंजूनाथ भजंत्री का पदस्थापन किया गया तभी से भाजपा इन्हें हटाने के लिए लगी हुई है. मंगलवार को भाजपा का दो सदस्य प्रतिनिधिमंडल रांची स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के पास पहुंचा और ज्ञापन सौंप कर मंजूनाथ भजंत्री को तत्काल हटाने की मांग की हटाने के पीछे कारण भी बताया गया है.
जानिए रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को हटाने के पीछे भाजपा का तर्क
भाजपा का दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचकर मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार को एक ज्ञापन सौंपा सौंप कर मांग किया कि रांची उपायुक्त को तत्काल उनके पद से हटाया जाय और उनको झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 में चुनाव कार्य से मुक्त किया जाय.
भाजपा के इस प्रतिनिधि मंडल में विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव एवं प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक शामिल थे. विधि प्रकोष्ठ के संयोजक और अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ एक पुराने मामले में जब वो देवघर उपायुक्त थे, उस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय, नई दिल्ली ने 30 सितंबर 2024 को एक आदेश जारी किया था. यह आदेश मुख्य सचिव के नाम से था और स्पष्ट आदेश था कि मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ 15 दिन के अंदर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सूचित किया जाय.
आज यानी 15 अक्तूबर को 16 दिन बीत गए पर मुख्य सचिव ने अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है.प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग में ज्ञापन देकर यह भी आशंका जताई है कि वर्तमान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के रहते रांची जिला में पड़ने वाले विधानसभा मसलन रांची, हटिया, मांडर ,खिजरी,कांके और सिल्ली में निष्पक्ष तरीके से चुनाव करना संभव नहीं है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने ज्ञापन ले लिया है और विधि सम्मत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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