रांची(RANCHI): झारखंड में राजनीति कभी गरमा जाती है कभी थोड़ी ठंडी हो जाती है. लेकिन फिलहाल ठंडी के मौसम में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने एक बार फिर बुलाया था.छठी बार बुलाया था लेकिन वे नहीं गए. इसके बाद केंद्रीय एजेंसी की अगली कार्रवाई के प्रति भाजपा के नेता टकटकी लगाए हुए हैं.
क्या कहते हैं विधि विशेषज्ञ
विधि विशेषज्ञ का कहना है कि कोई भी जांच एजेंसी अगर सहयोग के लिए या पूछताछ के लिए किसी को भी बुलाती है तो यह उसका दायित्व बनता है कि वह जाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी के समन का सम्मान करते हुए जाना चाहिए. लगातार छह बार बुलावा आया और कोई नहीं जाए तो केंद्रीय एजेंसियां आगे की कार्रवाई कर सकती है. कोर्ट से पूछताछ के लिए दूसरे किसी माध्यम का इस्तेमाल कर सकती है.
भाजपा नेताओं का क्या कहना है
जमीन घोटाला के संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पूछताछ करना चाहती है. उन्हें अगस्त से लेकर दिसंबर तक छह बार बुलाया गया है.भाजपा नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए और उन्हें कानून का पालन करना चाहिए.प्रवर्तन निदेशालय अगर बुला रहा है तो उन्हें जरूर जाना चाहिए.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तो कहा है कि मुख्यमंत्री जिस प्रकार से कानून की अवहेलना कर रहे हैं, यह गलत संदेश आम लोगों में जा रहा है.कानून की नजर में सभी लोग बराबर होते हैं.इसलिए प्रवर्तन निदेशालय को आगे की कार्रवाई करनी चाहिए जो कानून कहता है. इधर भाजपा के नेता राजभवन से भी आग्रह करते हैं कि इस मामले में दखल दें. भाजपा नेताओं को लग रहा है कि जल्द ही कुछ ना कुछ बड़ा होने जा रहा है. दूसरी तरफ आम लोगों का भी कहना है कि आखिर मुख्यमंत्री क्यों नहीं जा रहे हैं. सत्ता पक्ष के लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों के माध्यम से विपक्षियों को ऐसे ही डराती धमकाती है.
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