धनबाद(DHANBAD): 29 दिसंबर को धनबाद रेल मंडल संसदीय समिति की बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में धनबाद रेल मंडल क्षेत्र के सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्य या उनके अधिकृत प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बैठक में संभव है कि पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक भी शिरकत करे. अगर ऐसा हुआ तो इस बैठक में आरोप -प्रत्यारोप की बर्षा हो सकती है. अभी हाल ही में महाप्रबंधक जब धनबाद आए थे, तो उन्होंने कहा था कि धनबाद से दिल्ली के लिए या अन्य किसी जगह के लिए सीधी ट्रेन की कोई जरूरत नहीं है. कोई प्रस्ताव भी नहीं है. धनबाद लोडिंग डिवीजन है, इसलिए यहां से नहीं बल्कि अगल-बगल के स्टेशनों से ट्रेन दी जाती है. इस पर धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि यह बेबुनियाद बातें है. धनबाद से सीधी ट्रेन के लिए प्रस्ताव गया हुआ है.
सांसद ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
महाप्रबंधक के कथन पर धनबाद के सांसद ने स्थानीय रेल अधिकारियों से बात की थी और कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने पूछा था कि आखिर क्यों महाप्रबंधक को गलत सूचना दी गई. पिछली बैठक में भी धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने धनबाद से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन की मांग रखी थी. साथ ही धनबाद से होकर चलने वाली सभी ट्रेनों में आपातकालीन कोटा बढ़ाने की मांग की थी. यह अलग बात है कि दोनों मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई है. जो भी हो, धनबाद रेल मंडल संसदीय समिति की बैठक में इस बार खूब मीन मेख निकाला जा सकता है . हालांकि अभी हाल ही में धनबाद के डीआरएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि धनबाद से दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इसके अलावा उन्होंने धनबाद रेल मंडल के स्टेशनों पर हो रहे विकास कार्यों की भी रूपरेखा बताई थी.
29 दिसंबर को एक दूसरे को आईना दिखने का हो सकता है काम
29 दिसंबर की बैठक में उम्मीद की जाती है कि यह सारी बातो का आईना सदस्य रेल अधिकारियो को दिखाएंगे,कौन सही है और कौन गलत ,इसका भी पता चल सकता है. धनबाद को भले ही धन से आबाद कहा जाता हो, भले ही यहां का रेल मंडल देश का नंबर एक कमाऊ पूत हो ,भले ही धनबाद रेल मंडल की कमाई से रेल मंत्रालय की छाती चौड़ी होती हो, लेकिन धनबाद को सुविधाओं के लिए तरसाया जाता है. एयरपोर्ट तो है नहीं, शहर के भीतर भी ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था भगवान भरोसे है, ट्रेनों का भी वही हाल है. धनबाद को बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली ,पुणे, पुरी की सीधी ट्रेन नहीं है. .गंगा दामोदर एक्सप्रेस को आरा तक बढ़ा दिया गया है. पाटलिपुत्रा को भी एक्सटेंशन दिया गया है. यह बात भी सच है कि इस एक्सटेंशन से यात्रियों को सुविधा होगी. रेलवे की प्रयास की सराहना ज़रूर की जानी चाहिए, लेकिन धनबाद के लोगों के लिए भी कुछ सुविधाएं जरुरी है.
कब तक धनबाद के लोग मांगते रहेंगे सुविधाएं
मांग की गई है कि जिस तरह से ट्रेनों को एक्सटेंशन दिया गया है, उसी तरह हटिया -पुणे, हटिया -कुर्ला, हटिया -पुरी सहित अन्य उपयोगी ट्रेनों को धनबाद तक एक्सटेंड कर दिया जाए, तो धनबाद के लोगों को बहुत सहूलियत होगी. इसके लिए रेलवे को कोई अतिरिक्त सुविधाएं बढ़ाने की भी जरूरत भी नहीं होगी. वैसे, भी धनबाद का सीधा संबंध देश के बड़े-बड़े शहरों से है. यहां के लोग बाहर जाने के लिए लंबी दूरी तय करते है. एरोप्लेन की बात कौन कहे, ट्रेन पकड़ने के लिए भी लोग रांची, जमशेदपुर और आसनसोल तक जाते है. फिर यह धनबाद के साथ रेल का कैसा न्याय है. धनबाद से दिल्ली के लिए हर दिन सैकड़ों लोग रेल मार्ग से यात्रा करते हैं, पर धनबाद से दिल्ली के लिए कोई ट्रेन नहीं खुलती. लोगों को हावड़ा और सियालदह से आने वाली ट्रेनों पर ही आश्रित रहना पड़ता है. धनबाद से दिल्ली के लिए ट्रेन की मांग 20 वर्षों से लगातार की जा रही है. इसपर रेलवे ने कभी ध्यान तक नहीं दिया. नतीजा धनबाद को आज तक दिल्ली के लिए ट्रेन नहीं मिल सकी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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