रांची (RANCHI) : निलंबित आईएएस पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 महीने 23 दिन बाद पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत दी है. बता दें कि मेडिकल ग्राउंड पर सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका को स्वीकार किया है. पूजा सिंघल की तरफ से बीमार बेटी की देखभाल को जमानत का आधार बनाया गया था.
मई में हुई थी गिरफ्तार
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पूजा सिंघल लगातार जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती रही, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हर याचिका को ठुकरा दिया था.
हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया था इंकार
बता दें कि पूजा सिंघल के वकील ने रांची ईडी की विशेष कोर्ट में उनके जमानत की अर्जी लगाई थी. लेकिन 3 अगस्त 2022 को ईडी की विशेष कोर्ट ने उनकी पिटीशन खारिज करते हुए उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद पूजा सिंघल ने झारखंड हाई कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी, जहां 3 नवंबर 2022 को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में सभी पक्षों को सुनने के बाद पूजा सिंघल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था.
25 ठिकानों पर हुई थी ईडी की छापेमारी
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 6 मई को देश भर में IAS पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था. छापेमारी में 19.31 करोड़ रुपये और 300 करोड़ के दस्तावेज जब्त किये गये थे. जिसके बाद लगातार दो दिन तक ईडी ऑफिस में पूजा सिंघल से पूछताछ की गई थी. जिसके बाद भी ईडी IAS पूजा के करीबी के ठिकाने पर कोलकाता में ईडी ने छापेमारी की थी.
पूजा सिंघल हुई थी निलंबित
IAS पूजा सिंघल के घर और अलग-अलग ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई की सूचना मिलते ही सरकार ने राज्य सरकार झारखंड में सेवा दे रही आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. 11 मई को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई. ईमेल के माध्यम से यह सूचना राज्य सरकार को मिली. जिसके बाद कार्मिक विभाग संचिका तैयार करने का प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. बता दें कि पूजा सिंघल भारतीय प्रशासनिक सेवा 2000 बैच के झारखंड कैडर की अधिकारी हैं.
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