कोयलाकर्मियों को तो मिल गया बोनस लेकिन ठेका मजदूरों का क्या, उन्हें कब मिलेगा बोनस?


धनबाद(DHANBAD): बीसीसीएल के 33000 कोयलाकर्मियों के बोनस भुगतान का लगभग 240 करोड़ रुपया धनबाद के बैंकों में पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सभी क्षेत्रों में कंपनी कर्मियों के बोनस का भुगतान कर दिया गया है. बीसीसीएल के वित्त विभाग का आंकड़ा बताता है कि 240 करोड़ का भुगतान किया गया है. हालांकि, अभी रिटायर्ड कोयला कर्मियों के बोनस का भुगतान नहीं हुआ है.
28 सितंबर को रांची में हुई बैठक में हुआ था निर्णय
28 सितंबर को रांची में हुई बैठक में कोयला कर्मियों के बोनस का निर्णय हुआ और काफी जद्दोजहद के बाद ₹76500 बोनस भुगतान करने पर सहमति बनी. लेकिन इस बैठक में एक बार फिर ठेका मजदूर ठगे गए. उनके बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ. मजदूर संगठनों ने मामला उठाया जरूर लेकिन उनकी आवाज विश्वास में कम थी. नतीजा हुआ कि प्रबंधन ने साफ कह दिया कि ठेका मजदूरों के मामले में अनुषंगी इकाइयों को आदेश दिया जाएगा कि नियमानुसार, जो भी हो सकता है, भुगतान की व्यवस्था करें.
सवालों के घेरे में मजदूर यूनियन
आपको बता दें कि कोयलांचल में मजदूरों के नाम पर ही राजनीति होती है लेकिन कोयलाकर्मियों के बोनस भुगतान के निर्णय के बाद भी यहां के मजदूर संगठन की ओर से कोई आवाज नहीं उठाई गई और न उठाई जा रही है. कोयलांचल में 2 दर्जन से अधिक यूनियन काम करती है. इस बैठक में इंटक को शामिल नहीं किया गया है. एक समय की सबसे मजबूत इंटक बैठकों से बाहर रह रही है. आपसी विवाद के कारण वह यूनियन इतनी कमजोर हो गई है कि अब धीरे-धीरे इसकी पूछ इस कदर घट गई है कि केंद्र सरकार अब जेबीसीसीआई हो या अन्य महत्वपूर्ण बैठक ,उसमें इंटक को शामिल तक नहीं कराती. ठेका मजदूरों के बोनस के लिए आवाज नहीं उठाना, यहां के मजदूर नेताओं पर भी एक बड़ा सवाल है. क्योंकि मजदूरों के नाम पर ही उनकी राजनीति चलती है और मजदूरों को आगे कर वह अपनी ताकत बढ़ाते है. लेकिन जब मजदूरों को लाभ दिलाने की बारी आती है तो प्रबंधन के पक्ष में खड़े दिखते है.
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