धनबाद(DHANBAD): धनबाद की सिंदरी में "खेला" हो गया. पूर्व विधायक फूलचंद मंडल के बड़े पुत्र धरनी धर मंडल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पदों से इस्तीफा दिया था. इस स्थिति पर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इतना अधिक रिएक्ट किया कि उन्हें 6 साल के लिए पार्टी के सभी पदों से अलग कर दिया है. उन्हें निष्काषित कर दिया है. धरनीधर मंडल सिंदरी से झामुमो का टिकट चाहते थे. उधर, निरसा से झामुमो के नेता अशोक मंडल को जब टिकट नहीं मिला तो वह जेएलकेएम से प्रत्याशी बन गए है. दरअसल, सिंदरी और निरसा सीट गठबंधन के तहत माले के पास चली गई है.
और दोनों जगह से माले के उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. ऐसे में फूलचंद मंडल के पुत्र ने पार्टी से इस्तीफा दिया तो केंद्रीय नेतृत्व भी बिना कोई विलंब किए उन्हें पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया. दरअसल, फूलचंद मंडल सिंदरी विधानसभा से भाजपा के विधायक रह चुके है. 2014 में भाजपा के टिकट से वह विधायक बने थे. भाजपा में वह लंबी राजनीति की, लेकिन 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह नाराज होकर पार्टी छोड़ दिए और झामुमो के टिकट पर सिंदरी से चुनाव लडे. लेकिन चुनाव हार गए. इस बार सिंदरी सीट माले के खाते में चली गई.
नतीजा हुआ कि झामुमो को उम्मीदवार देने का कोई अवसर ही नहीं मिला. ऐसे में नाराजगी स्वाभाविक है. एक बात जो दिख रही है कि कोई भी पार्टी इस्तीफा देने के बाद निष्कासन करने की कार्रवाई में कोई विलंब नहीं कर रही है. चाहे वह बीजेपी हो, कांग्रेस हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा. देखना होगा कि धरनी धर मंडल के इस्तीफे और निष्कासन के बाद सिंदरी के चुनाव पर क्या असर होता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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