धनबाद(DHANBAD) : झारखंड का बेरमो सीट , एक ऐसी सीट है, जो झारखंड बनाने के बाद हर बार अपना विधायक बदलती है. झारखंड बनने के बाद के चुनाव की अगर गणना की जाए, तो 2005 में भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल चुनाव जीते थे. तो 2009 में इंटक के कद्दावर नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह विजई हुए थे. फिर 2014 में भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल चुनाव जीते तो 2019 में फिर राजेंद्र सिंह चुनाव में विजई रहे. वैसे राजेंद्र बाबू अब इस दुनिया में नहीं है. उनके निधन के बाद नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में उनके पुत्र अनूप सिंह विधायक बने. अनूप सिंह को 94,022 वोट मिले, जबकि भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल को 79,797 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा था. बोकारो जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में बेरमो आता है.
बोकारो ज़िले का विधानसभा है बेरमो
वैसे, बोकारो जिले में चार विधानसभा क्षेत्र है. गोमिया, बेरमो, बोकारो और चंदनकियारी. 2024 में कांग्रेस की ओर से बेरमो के विधायक अनूप सिंह फिर प्रत्याशी हैं, तो भाजपा इस बार अपना उम्मीदवार बदल दिया है. पूर्व सांसद रविंद्र पांडे को बेरमो से उम्मीदवार बनाया है. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है. बेरमो से जेएलकेएम नेता जयराम महतो भी चुनाव मैदान में है. कुल मिलाकर लड़ाई बेरमो में कड़ी होती जा रही है. रविंद्र पांडे के पिताजी कृष्ण मुरारी पांडे कांग्रेस के बड़े नेता थे. उनका कार्य क्षेत्र बेरमो ही था. वह कभी लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े थे. लेकिन उनके निधन के बाद रविंद्र पांडे भाजपा में चले गए और पांच बार सांसद बने. फिर उन्हें गिरिडीह से टिकट नहीं मिला. वहां से गठबंधन में आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी चुनाव जीते. 2024 में भी गिरिडीह लोकसभा सीट गठबंधन में आजसू के खाते में चला गया और रविंद्र पांडे को फिर टिकट नहीं मिला.
पांच बार के सांसद है रबिन्द्र पांडेय
लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में रविंद रविंद्र पांडे को भाजपा ने बेरमो से उम्मीदवार बनाया है. अनूप सिंह भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होने लगी है. तो रविंद्र पांडे भी पूरी तरह से सक्रिय है. जेएलकेएम नेता जयराम महतो कितना प्रभाव डालेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तय है कि कड़े फाइट में बेरमो का चुनाव फंस गया है. अब यहां से कांग्रेस का झंडा फिर ऊंचा होता है या भगवा बेरमो पर काबिज होता है , इसका पता 23 नवंबर को ही चल पाएगा. अनूप सिंह कहते है कि रबिन्द्र पांडेय बड़े भाई है. चुनाव का परिणाम सबकुछ बता देगा. तो रबिन्द्र पांडेय कहते है कि अनूप सिंह को अपनी हालत को देखते हुए भाजपा के पक्ष में चुनाव से हट जाना चाहिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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