रांची(RANCHI): प्रवर्तन निदेशालय ने मंत्री आलमगीर आलम को समन भेज कर पूछताछ के लिए तलब किया है. लेकिन एक सवाल है कि आखिर आलमगीर आलम को ईडी ने क्यों तलब किया है. दरअसल आलमगीर के पीएस संजीव लाल और जहांगीर आलम के ठिकानों से 35 करोड़ रुपये छापेमारी में बरामद हुए थे. यह मामला तो हाल का है कुछ साल पहले देखे तो बरहड़वा टोल प्लाज़ा मामले से ही मंत्री ईडी की रडार पर आ गए थे. अब जब ईडी ने तलब किया है तो इनकी मुश्किल भी बढ़ सकती है. कई सवालों का जवाब उनके पास मौजूद नहीं होगा.
बता दे कि बीते सोमवार को ED ने एक साथ रांची में दर्जनों ठिकानो पर दबिश दी थी. इस छापेमारी में आलमगीर आलम के PS संजीव लाल और उनके नौकर समेत दर्जनों ठिकानो से 35 करोड़ रुपये और जेवरात समेत अहम दस्तावेज बरामद हुए थे. जिसमें टेंडर कमीशन के साथ ट्रांसफर पोस्टिंग के भी दस्तावेज थे. छापेमारी के बाद संजीव लाल और जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है. पूछताछ से निकली जानकारी के आधार पर मंत्री को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया गया.
सूत्रों की माने तो जहांगीर और संजीव ने ईडी को पूछताछ में पैसे से अपना लिंक होने से परहेज कर लिया है. इसके अलावा टेंडर कमीशन से जुड़ी जानकारी दी गई है. ईडी को बताया है कि आखिर कैसे टेंडर के लिए पैसे की वसूली की जाती थी. यह भी जानकारी दी गई है कि इसका पैसा अधिकारी से लेकर विभाग से जुड़े लोगों तक पहुंचता था. यह पूरी वसूली संजीव लाल के कहने पर जहांगीर आलम करता था.
अब जब टेंडर से जुड़ा मामला है तो इसमें ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री की भूमिका भी संदिग्ध हो जाती है. जब ग्रामीण विकास विभाग में इतने बड़े पैमाने पर भ्र्ष्टाचार हो रह थे तो क्या मंत्री को यह सब जानकारी नहीं थी. यह सवाल अब ED के अधिकारी भी पूछ रहे है. इन सवालों में मंत्री आलमगीर आलम के पास जवाब नहीं है. इससे साफ है कि मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किल बढ़ सकती है. साथ ही कई अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है.
अगर याद करें साहिबगंज के बरहड़वा टोल प्लाजा मामला को तो इसमें भी मंत्री आलमगीर आलम का नाम आया था. इस केस में पुलिस की जांच पर भी सवाल उठा था.जिसके बाद ईडी ने इसे टेक ओवर कर जांच शुरू कर दिया था. तो यह साफ है कि मंत्री पहले से ही ईडी की रडार पर थे. बस समय का इंतजार प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही थी. इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है.
अब सवाल आता है कि जिस तरह से मंत्री के PS के नौकर के ठिकानों से पैसा बरामद हुए है.इससे एक तो चुनाव के समय कांग्रेस की किरकिरी हुई है. यही वजह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेता के कार्यक्रम में आलमगीर नहीं पहुंचे थे. अब कांग्रेस भी चुनाव के बाद मंत्री पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है.सूचना है कि मंत्री की कुर्सी भी इनमें हाथ से निकल सकती है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
4+