टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : विधानसभा के विशेष सत्र में आज सीएम हेमंत सोरेन ने विश्वास मत हांसिल कर लिया है. वहीं विपक्ष विभाजन ने इस दौरान हंगामा करते दिख रहा था. बता दें कि जब विधानसभा में विश्वाष मत पारित किया जा रहा था. तब बोरियों विधायक लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा ने भी अपना हाथ खड़ा किया था. हेमंत सोरेन के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया है. जबकि विपक्ष में जीरो वोट मिले विपक्ष ने वोटिंग से किनारा कर लिया है.
इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री
आपकों बता दें कि विश्वास मत हांसिल करने के बाद सीएम हेमंत आज ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सके है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक झामुमो कोटे से बेबी देवी, हफिजुल हसन, दीपक बिरुवा, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन और बैजनाथ राम को मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं गठबंधन दल से बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, दीपिका पांडेय सिंह, रामचंद्र सिंह, सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि आलमगीर आलम फिलहाल होटवार जेल में बंद है. उनकी जगह जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी को मंत्री पद दिया जा सकता है. क्योंकि आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कोटे का एक पद खाली हो गया है. ऐसे में विधायक इरफान अंसारी को मंत्री बनाया जा सकता है.
चंपई सरकार में इन्हें बनाया गया था मंत्री
दरअसल, हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद विधायकों कि सहमती से चंपाई सोरेन को सीएम बनाया गया था. चंपाई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में झामुमो से मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, दीपक बिरुआ, बेबी देवी और हफीजुल हसन. तो वहीं कांग्रेस से डॉ रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता को मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी.
4 जुलाई को ली थी सीएम पद की शपथ
ध्यान रहे कि जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. एक दिन पहले ही यानी 3 जुलाई को चंपई सोरेन सीएम पद से इस्तीफा दिया था. कथित जमीन घोटाले से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत को जमानत दे दी थी. जिसके बाद 28 जून को सीएम हेमंत जेल से बाहर आए थे.
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